Hindi, asked by divu29065, 1 year ago

1. महादेवी वर्मा और गिल्लू का एक दूसरे के प्रति प्रेम और करुणा के भाव को स्पष्ट कीजिए।
2. क्या करुणा भी पैसा और हैसियत देखती है? संभ्रांत महिला और बुढिया के दुख की परिस्थितियों के
आधार पर लिखें।
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Answers

Answered by shishir303
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1.

महादेवी वर्मा और गिल्लू करुणा और प्रेम के परिचायक थे। जब गिल्लू को कौवों ने घायल कर दिया था तो करुणा के वशीभूत होकर ही लेखिका उसे अपने घर ले आती है। लेखिका फिर हमेशा के लिये गिल्लू को अपने घर में रख लेती है। लेखिका गिल्लू का अपने बच्चे की तरह ध्यान रखती है। गिल्लू भी लेखिका से हिल-मिल जाता है। लेखिका जब खाना खाती थी तो गिल्लू उनके पास बैठ जाता और चावल के दाने एक-एक करके खाता था। जब लेखिका को लगा कि अब गिल्लू को आजाद कर देना चाहिये तो उन्होंने ऐसा करने की कोशिश की लेकिन गिल्लू लेखिका को छोड़कर नही गया। वो अपने पूरे जीवन पर्यंत लेखिका के घर ही रहा और अपने प्राण उनके घर में त्यागे। ये लेखिका के गिल्लू और गिल्लू के लेखिका के प्रति प्रेम और करुणा प्रकट करता है।

2.

आज के असंवेदनशील और पाखंडी समाज में  करुणा भी पैसा और हैसियत देखती है। जो धनी है, प्रसिद्ध है, प्रभावशाली है उसके किसी भी दुख के प्रति सब लोगों की करुणा उमड़ पड़ती है। सब संवेदना जताते हैं। लेकिन अगर कोई गरीब है, कमजोर है उसके दुख से किसी को कोई मतलब नही। बल्कि उसके दुख का लोग मजाक उड़ाते हैं।

अतः इस पाठ के आधार पर हम कह सकते हैं कि करुणा भी आजकल पैसा और हैसियत देखती है।

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