1. महाविद्यालय परिसर पर पर्यावरण की दृष्टि से एक लेख लिखिए।
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विज्ञान के क्षेत्र में असीमित प्रगति तथा नये आविष्कारों की स्पर्धा के कारण आज का मानव प्रकृति पर पूर्णतया विजय प्राप्त करना चाहता है। इस कारण प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है। वैज्ञानिक उपलब्धियों से मानव प्राकृतिक संतुलन को उपेक्षा की दृष्टि से देख रहा है। दूसरी ओर धरती पर जनसंख्या की निरंतर वृद्धि , औद्योगीकरण एवं शहरीकरण की तीव्र गति से जहाँ प्रकृति के हरे भरे क्षेत्रों को समाप्त किया जा रहा है
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विज्ञान के क्षेत्र में असीमित प्रगति और नई रचनाओं की प्रतियोगिता के कारण, वर्तमान मानव को प्रकृति पर पूरी तरह से विजय प्राप्त करने की आवश्यकता है।
महाविद्यालय परिसर पर पर्यावरण की दृष्टि:
- जलवायु की रक्षा और ऊर्जा बचाने के लिए स्कूल अभी भी हवा में है।
- स्कूल के शिक्षक व छात्र जलवायु के विभिन्न विषयों पर शोध कर रहे हैं।
- विश्वविद्यालय की हरित नीति का मूल लक्ष्य स्कूल के मैदानों को पर्यावरण की सुरक्षा और निगरानी ऊर्जा के साथ-साथ पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हरा-भरा, स्वच्छ और हानिरहित बनाना है।
- इससे प्रकृति का संतुलन बिगड़ गया है।
- तार्किक उपलब्धियों के कारण, मनुष्य नियमित संतुलन की अवहेलना करते हुए जाँच कर रहा है।
- फिर से, पृथ्वी पर जनसंख्या, औद्योगीकरण और शहरीकरण के त्वरित विकास के कारण, जहाँ प्रकृति के हरे-भरे क्षेत्रों को तिरस्कृत किया जा रहा है।
#SPJ3
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