1. महर्षि ने पाखंड खंडिनी पताका कहाँ फहराई?
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"पाखण्ड खण्डिनी पताका" वह पताका है जो सर्वप्रथम ईसवी सन् 1867 में जगत्गुरु महर्षि दयानन्द सरस्वती ने हरिद्वार के कुम्भ मेले के शुभावसर पर फहराई थी और जिस का मुख्य उद्देश्य 'जनता को पाखण्डों से घिरे अन्धकार से निकालकर ज्ञान के प्रकाश में लाना' था।
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thanks
From Ranfom43
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