1. मन सूरज बनकर कहाँ दौड़ लगाना चाहता
है?
Answers
Answered by
2
Answer:
व्याख्या - प्रस्तुत पंक्तियों में कवि सुरेन्द्र विक्रम ने एक बच्चे की भावनाओं का वर्णन किया है। बच्चे का मन बहुत चंचल है। अतः वह सूरज बनना चाहता है। जिससे वह आसमान में दौड़ लगा सके अर्थात सारे ब्रह्माण्ड की सैर करना चाहता है।
Answered by
4
Answer:
मन करता है सूरज बनकर आसमान में दौड़ लगाऊँ।
Hope it helps you
Similar questions