1. मधुर वाणी पर आधारित काव्यलेखन कीजिए।
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मधुर वाणी पर आधारित काव्यलेखन :
हमें ऐसी मधुर वाणी बोलनी चाहिए जिससे हमें शीतलता का अनुभव हो और साथ ही सुनने वाले का मन भी प्रसन्न हो उठे। हमें कड़वे वचन नहीं बोलने चाहिए | हमेशा सबसे प्यार से और हंस के बात करनी चाहिए | खुद को भी सुख की अनुभूति होती है।
हमें सब के साथ मधुर वाणी बोलनी चाहिए और मधुर व्यवहार करना चाहिए , जिससे हमें शीतलता का अनुभव हो और साथ ही सुनने वाले का मन भी प्रसन्न हो उठे।
हमें कटुर वचन नहीं बोलने चाहिए | कटुर व्यवहार भी नहीं करना चाहिए | कटु व्यवहार से हम अपनों को ही खो देते है और अपने लिए मुश्किलें पैदा कर देते है | हमेशा सबसे प्यार से और हंस के बात करनी चाहिए |
मधुर वाणी और मधुर व्यवहार से समाज में एक-दूसरे से प्रेम की भावना का संचार होता है। जबकि कटु वचनों से सामाजिक प्राणी एक-दूसरे के विरोधी बन जाते है। इसलिए हमेशा मीठा और उचित ही बोलना चाहिए, जो दूसरों को तो प्रसन्न करता ही है और खुद को भी सुख की अनुभूति कराता है।
Answer:
किऊय बता ऊ मे
Explanation:
मे नाही बताविंघे कल भाग