1 निबंध
(आत्मनिर्भरता)
संकेत बिंदु:- स्वावलंबन का महत्व, आत्मनिर्भर बनने के लाभ, देश तथा समाज का हित, विद्यार्थी और स्वावलंबन।
Answers
"स्वावलंबन का महत्व"
Explanation:
- स्वावलंबन या आत्मनिर्भरता का मतलब है अपने कार्य किसी की मदत या किसी की आवश्यकता के बिना खुद पूरे करना।
- आत्मनिर्भरता हम सभी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जो व्यक्ति स्वावलंबी होता है, वह अपना काम किसी की आवश्यकता के बिना समय पर पूरा करता है और जीवन में सफलता प्राप्त करता है।
- एक आत्मनिर्भर व्यक्ति समाज और देश की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि, ऐसा व्यक्ति खुद के लिए सही फैसले लेने में सक्षम होता है।
- जिस वजह से वह अपने काम में कामयाबी पाता है और अन्य लोगों के लिए एक उचित उदाहरण साबित होता है।
- आत्मनिर्भर बनने से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है और हम अपने काम के प्रति कर्तव्यनिष्ठ बनते है। स्वावलंबी व्यक्ति के मन में हमेशा शांति होती है, क्योंकि वह भली भांति जानता है कि उसने अपनी बदौलत पर जीवन में सब कुछ पाया है।
- इस तरह, स्वावलंबन का बहुत महत्व है और हर किसी को स्वावलंबी बनना चाहिए।
Answer:
प्रस्तावना- स्वावलम्बन अथवा आत्मनिर्भरता दोनों का ही अर्थ है- हमें अपने सहारे रहने अर्थात् स्वयं पर निर्भर रहना। ये दोनों ही शब्द हमें स्वयं परिश्रम करने, सभी प्रकार के दुःख एवं कष्टों को सहकर भी अपने पैरों पर खड़े रहने की शिक्षा और प्रेरणा देते हैं। यह हमारी जीत की प्रथम सीढ़ी है। इस पर चढ़कर ही हम ऊंचाई पर पहुंच पाते हैं। इसे अपनाकर सृष्टि के कण-कण को वश में किया जा सकता है।
लाभ:
स्वावलंबी व्यक्ति न केवल शक्तिशाली बन जाता है, बल्कि वह दूसरों के दुख-सुख भी अच्छी तरह समझ सकता है और दूसरों के कष्ट दूर करने का प्रयत्न भी कर सकता है । ऐसा व्यक्ति ही परोपकारी तथा एक अच्छा प्रशासक बनने लायक होता है ।
कोई भी देश तभी तेजी से विकसित हो सकता है, जब उस देश का प्रत्येक व्यक्ति आत्मनिर्भर बन जाय, दूसरों के परिश्रम का फल स्वयं हजम करने की प्रवृत्ति न रखे और किसी भी कार्य को छोटा-बड़ा न समझ कर अपना कार्य पूरी लगन से करे । जिस देश में ऐसे नागरिक हों, उसे कोई भी शत्रु अपना गुलाम नहीं बना सकता ।
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