1. निबंध लिखिए-
(1) मेरा प्रिय नेता
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Explanation:भारत महापुरषों का देश है ! बाल गंगाधर तिलक, महादेव गोविंद रानडे, गोपाळकृषण गोखले, महात्मा गाँधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाषचंद्र बोस, जवाहरलाल नेहरू आदि अनेक नेत्ताओं ने हमारे इतिहास की शोभा बढाई है ! इन सभी के प्रति मैं पूरा आदरभाव रखता हूँ , परन्तु मेरे सबसे आधिक प्रिय नेता तो राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी है !
गाँधीजी में नेतृत्व की अदभुत क्षमता थी ! सीधी-सधी सरल भाषा में दिए गए उनके भाषण देशवासियों पर जादूका सा असर करते थे ! उनकी एक पुकार पर आजादी के दीवानो की टोलियाँ मातृभूमि पर बलिदान देने के लिए निकल पड़ती थी ! पच्चीस वर्षो से भी आधिक समय तक उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध कई आहिंसक आन्दोलन चलाये ! अंत में अँग्रेज शासको की लाठियों, बंदुखों, तोपों और बमों पर आहिंसा ने विजय पायी ! सदियों से गुलाम रहा भारत आजाद हुआ ! इसलिए गांधीजी ‘युगपुरुष’ कहलाये !
गांघीजी आज के मत बटोरने वाले नेताओं के तरह दिखावा पसंद नहीं करते थे ! उनके मन, वचन, और कर्म में एकरूपता थी ! गांधीजी में देशसेवा की सच्ची लगन थी ! वे लोकसेवा क बल पर नेता बने थे !
भारत को स्वतंत्र करना गांधीजी का सबसे प्रमुख लक्ष्य था, किन्तु उनके प्रयत्न इस लक्ष्य तक ही सिमित नहीं रहे ! वे इस देश में रामराज्य देखना चाहते थे , इसलिए उन्होंने समाज सुधार का कार्य भी किया ! उन्होंने गरीब भारत को तकली और चरखे द्वारा रोजी-रोटी दी ! शराब बंदी, निरक्षरता-निवारण, स्त्री-शिक्षा, ग्रामोद्वधार आदि के लिए उन्होंने आथक प्रयत्न किये ! देश को एक सूत्र में बांधने के लिए उन्होंने राष्ट्रभाषा का प्रचार किया ! हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए वे आजीवन प्रयत्न करते रहे ! उन्होंने आछुतो को ‘हरिजन ‘ नाम देकर उनका सम्मान किया !
गांधीजी सत्य और अहिंसा के पुजारी थे ! उनके जीवन में सादगी थी ! दुर्बल शरीर और घुटनों तक ऊँची धोती पहनने वाले गांधीजी भारत की आम जनता के प्रतिक थे ! उनके ह्रदय से दया, धर्म और प्रेम की त्रिवेणी लगातार बहती थी ! इस अर्थ में वे सचमुच ‘महात्मा’ थे ! जिस तरह एक पिता अपने परिवार को सुखी देखना है, उसी तरह गांधीजी सरे देश को सुखी एवं समर्द देखना चाहते थे ! इसलिए लोगो ने उन्हें ‘राष्ट्रपिता’ कहकर उनका आदर किया ! सचमुच, वे सरे देश के प्यारे ‘बापू’ थे !
गाँधीजी ने अपना सब कुछ नयोंछावर कर भारत का नवनिर्माण किया ! वे भारत के ही नहीं, सरे विश्व के नेता थे ! इसे महँ देशभक्त को यदि मैं अपना प्रिय नेता मानु तो इसमें आश्चर्य ही क्या है !
Answer:
hope it will help u my brother hope it help u
Explanation:
मेरे प्रिय नेता महात्मा गांधी जी हैं। महात्मा गाँधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर सन 1869 में पोरबन्दर में हुआ था। मैट्रिक परीक्षा पास करने के बाद वह उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैण्ड गए। वहां से लौटने पर उन्होंने वकालत प्रारंभ क़ी।
गाँधी जी का सार्वजानिक जीवन दक्षिण अफ्रीका में प्रारंभ हुआ। उन्होंने भारतीयों क़ी सहायता क़ी। उन्होंने सत्याग्रह आन्दोलन प्रारंभ किया। उन्होंने अनेक कष्ट सहे। उनको अपमानित किया गया। अंत में उन्हें सफलता मिली।
गाँधी जी भारत वापस आये और स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। वह कई बार जेल गए। अब सारा देश उनके साथ था। लोग उन्हें राष्ट्रपिता कहने लगे। अंत में भारत को 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त हुई।
गाँधी जी सादा जीवन बिताते थे। वह 'सादा जीवन, उच्च विचार' को मानने वाले थे। उन्होंने हमको 'अहिंसा' का पाठ पढ़ाया। वह एक समाज सुधारक थे। उन्होंने छुआ-छूत को दूर करने का प्रयत्न किया। उन्होंने गॉवों कि दशा सुधारने का पूरा प्रयत्न किया। उन्हें भारत के 'राष्ट्रपिता' के रूप में जाना जाता है।