Hindi, asked by sudama1061980chauhan, 22 days ago

1. नीचे कुछ कहानियों की रूपरेखा दी गई है। इनके आधार पर कहानी लिखिए-
- पुत्र गधे पर, पिता पैदल, सामने से आते तीन आदमीनीचे कुछ कहानियों की नीचे कुछ कानों की नीचे कुछ गानों की सुर्ख रेखा की दी गई है इनकी आधार पर कहानियां लिखिए पहला पुत्र गधे पर पिता पैदल सामने से आते तीन आदमी ​

Answers

Answered by lavairis504qjio
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Explanation:

एक बार एक बाप और उसका बेटा गधा खरीदने के लिए बाजार गये। दोनों को एक गधा पसंद आया जो देखने में थोड़ा सा कमजोर था। दोनों बाप-बेटे गधे को खरीदकर घर की ओर चल दिए। बेटे ने पिता को गधे पर बैठा दिया और खुद पैदल चल रहा था। वे दोनों थोड़ी दूर ही निकले थे कि तभी उन्हें रास्ते कुछ लोग मिले।

उनमें से एक ने कहा- देखो तो, यह कैसा पिता है। खुद तो गधे पर सवार है, और अपने पुत्र को पैदल चला रहा है। उनकी बातें सुनकर पिता को शर्म महशूश हुई, वह गधे से नीचे उतर गया, और पुत्र को बैठा दिया। कुछ दूर आगे जाने पर कुछ महिलाएं मिलीं।

उन्होंने कहा- कैसा बेटा है! बूढ़ा बाप पैदल चल रहा है और खुद मजे से सवारी कर रहा है। उनकी बातें सुनकर पिता-पुत्र, दोनों, पैदल चलने लगे।

थोड़ा आगे जाने पर कुछ और व्यक्ति मिले। उन्होंने कहा – कितने मूर्ख हैं दोनों, एक हट्टा-कट्टा गधा साथ में है, फिर भी सवारी करने की बजाए दोनों पैदल चल रहे हैं।

उनकी बातें सुनकर पिता-पुत्र, दोनों गधे पर बैठ गए। थोड़ा आगे गए तो कुछ और व्यक्ति मिले। उन्होंने कहा- दोनों कितने निर्दयी हैं।

दोनों पहलवान हो रहे हैं और एक पतले-दुबले गधे की सवारी कर रहे हैं। ऐसा लगता है, जैसे ये इसे मारना चाहते हों। उनकी बातें सुनकर पिता-पुत्र गधे से उतर गए और दोनों ने मिलकर गधे को उठा लिया।

जब वे बाजार पहुंचे तो वहां पर लोग उन्हें देखकर हंसने लगे। सभी कहने लगे- कितने मूर्ख हैं दोनों, कहां तो इन्हें गधे की सवारी करनी चाहिए थी, और कहां ये दोनों गधे की सवारी बने हुए हैं !

नए समय की कथा अब यहां से शुरू होती है- पिता-पुत्र ने विचार किया, बजाए लोगों की बातों पर ध्यान देने के इस गधे से ही पूछा जाए, इसका क्या विचार है ?

तब गधे ने उत्तर दिया कि बड़े मजे में हूं, क्योंकि जब मालिक या मेरा उपयोग करने वाले भ्रम में हों, दूसरों के बहकावे में आकर जब अपने मूल उद्देश्य से भटक रहे हों, तो लाभ मुझे ही मिलता है।

आशय यह है कि दूसरों के तानों पर बहुत अधिक न टिकें, क्योंकि इससे अधिक भ्रम हो गया, तो कार्य का परिणाम गड़बड़ा जाएगा।

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