Hindi, asked by bittuchaudhary288, 8 hours ago

1. नीचे दिए गए अधूरे दोहों की पंक्तियों को खोजकर उन्हें पूरा कीजिए-
(क) साईं इतना दीजिए, जामै कुटुम्ब समाया
(ख) रहिमन निज मन की विथा, मन ही राखो गोया
(ग) बोली एक अमोल है, जो कोई बोले जानि।​

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Answered by suman5420
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Answer:

कबीर दास जी भारत के महान संत एवं समाज सुधारक रहे है, उन्होंने कई दोहे, सवैये लिखे साईं इतना दीजिये, जा मे कुटुम समाय दोहा काफी लोकप्रचलित हैं. जीवन में संतोष के महत्व को बताने वाले इस दोहे का अर्थ और व्याख्या यहाँ सरल भाषा में बता रहे हैं. चलिए जानते है संत कबीर इस दोहे के माध्यम से ईश्वर से क्या और किसकी याचना करते हैं.

अर्थ

संत कबीर दास इस दोहे के माध्यम से ईश्वर से प्रार्थना करते है कि हे ईश्वर मुझे उतना ही धन, अन्न, जल प्रदान कीजिए जिससे अपना पेट भर सकू अपना गुजारा कर सकू तथा कोई साधू भूखा न जाय इसका आशय यह है कि मेरे द्वार आने वाला मेहमान को भी भोजन करा सकू.

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