1. नीचे दिए गए गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए:- नारी केवल कामिनी नहीं ,जगत धात्री भी है,अलंकरण-मात्र नहीं ,समाज को जीवंत बनाने वाली प्रेरणा शक्ति है| आज जनमानस इस दृष्टिकोण से वंचित है |नारी इतनी शक्तिहीन नहीं है। माता बनकर उसकी शक्ति परोक्ष रूप में अपने बालकों के चरित्र-निर्माण में कार्य करती है |प्रिया रूप में वह समस्त दया,करुणा, ममता और माधुर्य का उपहार देकर पुरुष को उसके कार्य क्षेत्र के लिए नई उर्जा प्रदान करती है |विद्या -बुद्धि में गार्गी तथा अपाला बनकर और शौर्य में लक्ष्मी एवं चांदबीबी बनकर उसने अपने तेजस्वी रूप का परिचय समय-समय पर दिया है |इतिहास के पन्ने इस बात के साक्षी हैं कि नारी ने केवल चौका चूल्हा ही नहीं संभाला, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर घोड़े की पीठ पर चढ़कर रण क्षेत्र में भी वीरता का परिचय दिया| अपनी मर्यादा की रक्षा के लिए आततायी को धूल चटा दी| - प्रश्न:- माता के रूप में नारी का महत्वपूर्ण कार्य है:- O पालन पोषण करना O परिवार संभालना O दया ममता बिखेरना O चरित्र निर्माण करना
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चरित्र निर्माण करना
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