Hindi, asked by palaksinghp19, 7 months ago

1. निम्न पॅक्तियों की सप्रंसग व्याख्या करें ।


उठें, देश के लिए उठें, हम,
जिएँ देश के लिए जिएँ हम,
गलें देश के लिए गलें हम,
मरें देश के लिए मरें हम,
तनमन में यही ध्यान हो, भारत महिमावान बने । मेरा देश महान बने ।

अथवा

कुदरत हमको रोज सिखाती जग हित में कुछ करना सीखें । अपने लिए
सभी जीतें हैं । औरों के हित मरना सीखें ।

Please answer the question.
its very urgent plz. ​

Answers

Answered by shripsmpublicschool
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Answer:

प्रस्तुत पंक्तियाँ हिन्दी साहित्य के कवि गोपाल कृष्ण जी द्वारा लिखित हैं। निम्न पंक्तियों में कवि कहते हैं कि प्रकृति हमे सिर्फ और सिर्फ देना सिखाती है ।

बिना किसी स्वार्थ के सिर्फ बाँटना सिखाती है।

वो सभी चीजें जो कभी हमारी भूख मिटाती है कभी सुकून देती है या यूँ कहें सभी कुछ देती है जो हमारे लिए सर्वोत्तम है।

बिल्कुल माँ की तरह जो सदा से ही अपने बच्चों को देना ही चाहती है निस्वार्थ निश्छल प्रेम सी …….☺☺

पर हम क्या देते हैं बदले में विचारणीय है।।

देना सीखे हम भी ……..

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