1. निम्न दिए गए गद्यांशों में से कोई एक गद्यांश का उत्तर दीजिए 100 UB/MA Max. Marks: 80M Duration-3 Hours Date: 21.08.2021 (1x5=5M) अ. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उचित विकल्प चुनकर लिखिए समय चक्र की गति बड़ी अदभुत है। इसकी गति में अबाधता है। समय का चक्र निरंतर गतिशील रहता है रुकना इसका धर्म नहीं है | इस संसार की कोई भी वस्तु रुक सकती है, किसी न किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न हो सकता है, किंतु समय की गति अबाध रूप से चलती रहती है, इसमें निरंतरता है। यदि मनुष्य की संपति एक बार नष्ट हो जाए, संभव है परिश्रम, प्रयत्न एवं संघर्ष से वह उसे पुनः वापस पा सकता है। समय कभी किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। वह तो बस आगे बढ़ता जाता है | आप चाहे तो समय को व्यर्थ की बातों में नष्ट कर सकते हैं और चाहे तो उसका सदुपयोग कर सकते है, जिससे वह आपकी उन्नति में चार चाँद लगा सकता है। सफलता आपके कदम चूम सकती है। समय के सदुपयोग में ही जीवन की सफलता का रहस्य निहित है। समय का सदुपयोग करने का अधिकार सभी को समान रूप से मिला है। किसी का इस पर एकाधिकार नहीं है संसार में जितने भी महापुरुष हुए हैं, वे सभी समय का सदुपयोग करने के कारण ही इस पद पर पहुँच सके हैं। काम को समय पर संपन्न करना ही सफलता का रहस्य है समय बीत जाने पर मनुष्य के हाथ सिवाय पश्चाताप के कुछ नहीं आता अ) समय की गति को अबाध कहा है क्यों कि क) समय रुकावट पैदा करता है ग) दूसरों की गति को रोक सकता है। आ) लेखक ने समय और धन में क्या अंतर बताया है ? क) धन जोड़ा जा सकता है, समय जुड़ता है ग) धन समय के साथ-साथ बढ़ता है। इ) मानव की उन्नति में चार चाँद कैसे लग सकते हैं? क) समय को व्यर्थ न बिताकर ग) समय को वश में करके ई) महापुरुषों ने समय का उपयोग कैसे किया ? क) काम को आराम से करके ग) दूसरों से काम कराकर 3) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक यह होगा क) समय और धन ग) महापुरुषों का जीवन ख) निरंतर चलता है घ) चक्र के समान घूमती ही रहता है ख) धन हमें धनि बनाता है, समय धन उड़ा देता है (घ) गया धन लौट सकता है, समय नहीं ख) अपनी पूँजी कमाकर घ) प्रचार प्रसार में समय बिताकर ख) काम को समय पर संपन्न करके घ) टाईमटेबल बनाकर ख) पश्चाताप का समय घ) समय का महत्त्व
Answers
Answer:
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनकर लिखिए
समय चक्र की गति बड़ी अद्भुत है। इसकी गति में अबाधता है। समय का चक्र निरंतर गतिशील रहता है, रुकना इसका
धर्म नहीं है। इस संसार की कोई भी वस्तु रुक सकती है, किसी में किसी भी प्रकार का अवरोध उत्पन्न हो सकता है, किंतु समय की गति अबाध रूप से चलती रहती है. इसमें निरंतरता है यदि मनुष्य की संपत्ति एक बार नष्ट हो जाए. तो संभव है परिश्रम, प्रयत्न एवं संघर्ष से वह उसे पुनः प्राप्त कर ले, किंतु बीता हुआ समय पुनः वापस नहीं आ सकता। समय कभी किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। वह तो बस आगे बढ़ता जाता है। आप चाहें तो समय को व्यर्थ की बातों में नष्ट कर सकते हैं और चाहें तो उसका सदुपयोग कर सकते हैं, जिससे वह आपकी उन्नति में चार चाँद लगा सकता है। सफलता आपके कदम चूम सकती है। समय के सदुपयोग में ही जीवन की सफलता का रहस्य निहित है। समय का सदुपयोग करने का अधिकार सभी को समान रूप से मिला हो। किसी का इस पर एकाधिकार नहीं है। संसार में जितने महापुरुष हुए हैं, वे सभी समय का सदुपयोग करने के कारण ही इस पद पर पहुँच सके हैं। काम को समय पर संपन्न करना ही सफलता का रहस्य है। समय बीत जाने पर मनुष्य के हाथ सिवाय पश्चात्ताप के कुछ नहीं आता? C →क्यों कहा है?