Hindi, asked by sunnysoni7488733, 7 months ago

1. निम्नलिखित अपठित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और प्रश्न का उत्तर दीजिए।
हमारे समाज में बहुत से लोग भाग्यवादी होते हैं और सब कुछ भाग्य के भरोसे छोड़कर
कर्म से विरत हो बैठते हैं। ऐसे ही व्यक्ति समाज को प्रगति के पथ पर अग्रसर नहीं होने देते।)
आज तक किसी भाग्यवादी ने संसार में कोई महान काम नहीं किया बड़ी-बड़ी खोजे, बड़े-बड़े
आविष्कार और बड़े-बड़े निर्माण के कार्य श्रम दवार ही सम्पन्न हो सके हैं। हमारी प्रतिमा हमें
प्रेरित कर सकती है। हमारा पथ-प्रर्दशन कर सकती है, जबकि लक्ष्य तक हम कर्म दवारा ही
पहुँचते है। जब हम परिश्रम को अपने कर्तव्य का पालन करते हैं, तो हमारे मन को अलौकिक
आनन्द मिलता है ऐसे व्यक्ति के लिए उसका परिश्रम ही उसकी पूजा है। यदि हम अपने कार्य
में ईमानदारी से श्रम नहीं करते, तो हमारे मन में एक प्रकार का भय बना रहता है। कभी-कभी
हो ग्लानि को अनुभव भी करते हा



क, भाग्यवादी व्यक्ति कैसे होते हैं और वे समाज के लिए कैसे होते हैं?
ख. हमारे मन को अलौकिक आनन्द कब मिलता है?
गईमानदारी से श्रम नहीं करने पर क्या होता है?
घ. हमारी प्रतिमा क्या करती है?
ई. संसार में महान काम किसके द्वारा सम्पन्न हुए हैं।
च, हम लक्ष्य तक कैसे पहुंचते हैं?

Answers

Answered by qwertyboy1
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Answer:

risk well tell them to to do do do em em em em em em em em em em em em em em em em em em

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