Hindi, asked by chetiamitalee, 7 months ago

1. निम्नलिखित अपठित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर सही विकल्प चुनकर दीजिए :-
ऋषि-मुनियों, साधु संतों को
नमन, उन्हें मेर अभिनन्दन ।
जिनके तप से पूत हुई है
भरत देश की स्वर्णिम माटी
जिनके श्रम से चली आ रही
युग-युग से अविरल परिपाटी ।
जिनके संयम से शोभित है
जन-जन के माथे पर चन्दन ।
कठिन आत्म-मंथन के हित
जो असि धारा पर चलते हैं
पर-प्रकाश हित पिघल-पिघल कर
मोम-दीप-सा जलते हैं ।
जिनके उपदेशों को सुनकर
सँवर जाए जन-जन का जीवन ।
सत्य अहिंसा जिनके भूषण
करुणामय है जिनकी वाणी
जिनके चरणों से है पावन
भारत की यह अमिट कहानी ।
उनके ही आशीष, शुभेच्छा,
पाने को करता पद-वंदन ।
(i) साधु-संत किसकी आकांक्षा मन में नहीं रखते ?
(क) तप-संयम (ख) परोपकार
(ग) करुणा (घ) आभूषण
(ii) ‘जिनके तप से पूत हुई है’- इस पंक्ति में ‘पूत’ से क्या आशय है ?
(क) उज्ज्वल (ख) पवित्र
(ग) पुत्रवान (घ) महिमावान
(iii) ‘उनके ही आशीष, शुभेच्छा, पाने को करता पद-वंदन ।’- इस पंक्ति में रेखांकित शब्द का क्या आशय है ?
(क) पद-रचना करना (ख) पद गाना
(ग) महान कार्य करना (घ) चरण-वंदना करना
(iv) इस काव्यांश में ऋषि-मुनियों के आभूषण क्या बताए गए हैं ?
(क) ज्ञान (ख) सत्य-अहिंसा
(ग) माला (घ) इनमें से कोई नहीं
(v)‘ पर-प्रकाश हित पिघल-पिघल कर, मोम-दीप-सा जलते हैं ।’-इस पंक्ति में संतों का कौनसा गुण प्रकट हुआ है ?
(क) ज्ञान-साधना (ख) परोपकार
(ग) सहनशीलता (घ) वीरता



plz guys help

Answers

Answered by prai10379
2

Answer:

साधु-संत किसकी आकांक्षा मन में नहीं रखते ?

(क) तप-संयम (ख) परोपकार

(ग) करुणा (घ) आभूषण

Explanation:

answer आभूषण

Answered by gkumar927439b
5

Answer:

ऋषि मुनियों साधु संतों को नमन उन्हें मेरा अभिनंदन जिनके तब से पूछ हुई है भारत देश की स्वर्णिम माटी जिनके श्रम से चले आ रहे युग युग से अविरल परिपाटी जिनके संयम से सोहित है जन-जन के माथे - चंदन कठिन आत्ममंथन के हित जो हंसी धारा। पर नेतृत्व कर रहे हैं पर प्रकाश सेेलल पिघल कर मॉम दीप सा जलते हैं जिनके उपदेशों को सुनकर सवर हो जन जन का जीवन सचिन सचिन के भूषण करुणा में है जिनके गदगद गीत का हिंदी मे अनुवाद

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