1. निम्नलिखित अवतरण से जातिवाचक, व्यक्तिवाचक तथा भाववाचक संज्ञाएँ छाँटकर नीचे सूची में
लिखिए-
अर्जुन ने कहा, भगवन्! यह मेरी नहीं, मेरे अहंकार की चिता जलेगी। मैं आपकी शक्ति को भूलकर
स्वयं को सर्वशक्तिमान समझ बैठा था।" श्रीकृष्ण ने कहा,
"अर्जुन! तुम्हें चिता में जलकर प्राण देने की आवश्यकता नहीं है। ब्राह्मण
पुत्रों को मैं वापस लाता हूँ।"
अर्जुन का अभिमान समाप्त हो चुका था। वे समझ गए थे कि वास्तविक शक्ति कृष्ण ही हैं। वे ही क्षमा
भी करेंगे।
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वयक्तिवाचक
अर्जुन
श्री कृष्ण
जातिवाचक
ब्राह्मण
चिता
भाववाचक
अहंकार
अभिमान
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