Hindi, asked by wrknwrk101, 7 months ago

1.निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्रों के
उत्तर दीजिए-
तुम मुहा पर या हम सभी पर हँस रहे हो, उन पर जी
अंगुली छिपाए और तलुआ थिसाए चल रहे हैं, उन पर जो
टीले को बरकाकर बाजू से निकल रहे हैं। तुम कह रहे हो-
मैंने तो ठोकर मार-मारकर जूता फाड़ लिया, अंगुली बाहर
निकल आई, पर पाँव बच रहा और मैं चलता रहा, मगर
तुम अँगुली को ढाँकने की चिंता में तलवे का नाश कर रहे
हो। तुम चलोगे कैसे?
।. लेखक के अनुसार प्रेमचंद किन पर हँस रहे हैं?
|| प्रेमचंद के मुसकराने में लेखक को क्या व्यंग्य
नजर आता है?
प्रेमचंद को किनके चलने की चिंता सता रही है?​

Answers

Answered by bbkpriyaverma
2

Answer:

question is too long..

Explanation:

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