Hindi, asked by nekanwar667, 8 months ago

1. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उचित विकल्प को चुनिए।
जिसके जीवन में जितने अधिक दुख होते है वह उतना ही सबल होकर सुख की यात्रा पर निकलता है,
क्यों कि दुख विपरीत स्थितियों से जूझने की क्षमता का विकास कर हमारी ऊर्जा को जगाते है।
कभी-कभी मौसम में बड़ी विषमता दिखाई देती है। गर्मियों में वर्षा होती है और शीतल वायु मौसम को
सुहावना बना देती है। कई बार बरसात के मौसम में बादलों का नामों-निशान तक नहीं रहता। कभी
सर्दी के मौसम में ठंड और कोहरे से निजात मिल जाती है। हल्के-फुल्के कपड़ो में आराम से घूम फिर
सकते हैं। मौसम की यह प्रतिकलता हमारे अहित में नहीं होती। यही बात मनुष्य के जीवन में सुख दुख
के संबंध में उतनी ही सटीक है। व्यक्ति तथा समाज दोनों के विकास के लिए परस्पर विरोधी भावों का
होना अनिवार्य है। ग्रीष्म हो या वर्षा पतझड़ हो या बसंत, वे एक दुसरे के विरोधी नहीं अपितु पूरक हैं।
एक के अभाव में दुसरे में आनंद कहाँ? सुख की अनुभूति के लिए दुख की अनुभूति होनी आवश्यका है।
इसके द्वारा हमारे अंदर की ऊर्जा जागती है।​

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Answered by shristimishra75
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Answer:

गद्यांश तो पढ़ लिया पर विकल्प ही नहीं दिया है आपने

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