1. निम्नलिखित गद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए:
( क ) मैं वहाँ सो नहीं सका । मेरा मन बहुत घबराने लगा । जो कहानी सुनी है
उसे कैसे लूँ , कैसे झेलूँ? मन से वह सँभाली नहीं जाती थी । इलाज यही था कि मैं
उससे बचकर चला जाऊँ । उसी अपनी दुनिया में जहाँ वस्तुओं का मान बँधा हुआ
है और कोई झमेला नहीं है । जहाँ रास्ता बना - बनाया है और खुद को खोजने की
जरूरत नहीं है । जिज्ञासा जहाँ शांत है और प्रश्न अवज्ञा का द्योतक है।
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जो कहानी सुनी है उसे कैसे लूँ, कैसे झेलूँ ? मन से वह सँभाली नहीं जाती थी। इलाज यही था कि मैं उससे बचकर चला जाऊँ। उसी अपनी दुनिया में जहाँ वस्तुओं का मान बँधा हुआ है और कोई झमेला नहीं है।
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