1.निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए आर्थिक तंगी के कारण एक दिन धनपत राय अपनी गणित की पुस्तक बेचने एक दुकान पर गए |संयोग से वहाँ उनकी भेंट एक छोटे से स्कूल के हेडमास्टर से हो गई |उन्हें धनपत राय की दीनदशा पर दया आ गई और उन्होंने उन्हें 18 रूपए मासिक पर अपने स्कूल का अध्यापक बना दिया |उनके पढने के स्वभाव के कारण उनके साथी उन्हें किताबी कीड़ा कहने लगे थे |बाद में क्विज कॉलेज वाराणसी के अंग्रेज प्रधानाचार्य बेकन साहब ने कृपा करके उन्हें सरकारी स्कूल का अध्यापक बना दिया बाद में वे डिप्टी इंस्पेक्टर ऑफ़ स्कूल भी हो गए |जब वे दौरे पर जाते तो भोजन आदी की व्यवस्था खुद करते तथा अध्यापकों की सेवा स्वीकार नहीं करते थे |अब तक वे नवाब राय के नाम से उर्दू में लिखते थे|उनकी देश भक्ति की कहानियों का संग्रह ‘सोजेवतन’ अंगरेजी सरकार ने जब्त कर लिया| इस घटना के बाद वे हिन्दी में प्रेमचंद के नाम से लिखने लगे |उन्होंने अपने उपन्यासों द्वारा समाज सुधार का कार्य प्रारम्भ किया | उनकी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं था |उन्होंने बाल विवाह का विरोध और विधवा विवाह का समर्थन किया |अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद एक विधवा शिवरानी देवी से विवाह किया |प्रेमा ,सेवासदन ,रंगभूमि ,कर्मभूमि तथा गोदान उपन्यासों का यह रचयिता 8 अक्टूबर 1936 को चिरनिद्रा में सो गया | क) धनपत राय प्रेमचन्द के नाम से लेखन क्यों करने लगे ? ख) प्रेमचन्द ने समाज में कौन सी मिसाल स्थापित की ? ग) प्रेमचन्द जो कहते थे वह करते थे –इस विशेषता को कौन सी लोकोक्ति व्यंजित करती है ?
Answers
Answered by
0
Answer:
(1)kyoki pahle dhanpat rai aapne upnayaaso me NAVAB RAI ke Naam se Urdu me likhte the parantu unki Desh bhakti vale uapaanyas aarthat kahaniyo ke sangrah ko aangregi sarkari logone jabat kar liya ias ghatana ke Karan unhone phir Premchand ke Naam se lekhan suru Kiya
(2) Premchand jee Bal Vivah ka virod karte the aaur vidhva Vivah ka samarthan karte the iski misaal ke roop me unhone savayam ek vidhva ishtri se Vivah Kiya
(3)unki kathani aaur karni me koi aanatar nahi tha
Similar questions