1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
हम कई बार छोटी-छोटी बातों से दुखी हो जाते हैं, उदास हो जाते हैं, निराश हो जाते हैं और कई बार तो का
हो जाते हैं। किसी ने हमसे नमस्ते नहीं की. कोई मित्र हमारा जन्म-दिन भूल गया, एक व्यक्ति हमसे समय पर मिलने नहीं
आप, भाई बाजार से एक आवश्यक सामान लाना भूल गया, बॉस ने हमारी आलोचना कर दी आदि। हैं तो सब परेशान
करने वाली बातें, किंतु इतनी बड़ी भी नहीं कि अपना आपा खो दिया जाए अथवा उन पर जोर से चिल्लाया जाए। किसी
ने हमारी अनुचित बुराई कर दी तो मुसकराकर कारण पूछा जा सकता है, कोई कुछ करना भूल गया तो उसे विनम्रता से
पुनः याद दिलाया जा सकता है तथा प्यार व सावधानी से किसी से शिकायत भी की जा सकती है। छोटी बातों को छोटा
ही रहने दें तो अच्छा। जब बातें इतनी गंभीर न हों तो हम इतने गंभीर क्यों बन जाएँ? लोगों की आदतों को हम एकदम नहीं
बदल सकते तथा छोटी-बड़ी अनपेक्षित घटनाओं को हम नियंत्रित नहीं कर सकते। हमारे अपने लोग गलतियां करें अथवा
पराए लोग भूल करें, उनके साथ शालीनता से पेश आना चाहिए, नहीं तो अनावश्यक रूप से बात का बतंगड़ बन सकता है।
(क) अगर कोई गलती कर ही दे तो स्थिति को किस प्रकार संभाला जा सकता है?
(ख) हम सकारात्मक दृष्टिकोण रखकर समस्या कैसे सुलझा सकते हैं?
(ग) आशय स्पष्ट कीजिए-"छोटी बातों को छोटी ही रहने दें तो अच्छा है।
(घ) हम किन-किन कारणों से निराश हो जाते हैं?
(ड) किन उपायों को अपनाकर हम स्वयं पर नियंत्रण रख सकते हैं?
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I will answer this later till then wait for my answer
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sorry mujhe pata nahin
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