Hindi, asked by Ghost245777, 1 month ago

1- निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए--
हमारे विशाल देश में हिमालय की अनंत हिम राशि ने जिन वारिधाराओं को जन्म दिया है , उनमें उत्तरापथ को सीचने वाली गंगा और यमुना नाम की नदियां जीवन की धमनियों की तरह हमारे ऐतिहासिक चैतन्य की साक्षी रही हैं। उनकी गोद में हमारे पूर्व पुरुषों ने सभ्यता के प्रांगण में अनेक नए खेल खेले l उनके तटों पर जीवन का जो प्रवाह प्रचलित हुआ, वह आज तक जीवंत है। भारत - भूमि हमारी माता है और हम उसके पुत्र हैं - यह एक सच्चाई हमारे रोम रोम में बिंधी हुई है। नदियों के अंतर्वेदी में पनपने वाले आदि युग के जीवन पर हम अब जितना अधिक विचार करते हैं , हमको अपने विकास और वृद्धि की सनातन जड़ों का पृथ्वी के साथ संबंध उतना ही अधिक घनिष्ठ जान पड़ता है। जब तक भारतीय ताकत का जीवन भारत- भूमि के साथ बद्धमूल है , जब तक हमारे सांस्कृतिक पर्व पर लाखों मनुष्य नदियों और जलाशयों के तटों पर एकत्र होते हैं, जब तक देश के संकटों में बलिदान की भावना प्रत्येक मन में जागती है,जब तक देश के नागरिक के रूप में हमारी पहचान जीवित है, तब तक हमारे आंतरिक गठन और हमारे अस्तित्व को सकुशल समझना चाहिए

प्रश्न क - गद्यांश में गंगा और यमुना की क्या-क्या विशेषताएं बताई गई हैं?

प्रश्न ख-हमारे रोम- रोम में कौन सी सच्चाई बिन्धी हुई है?

प्रश्न ग भारतीय संस्कृति की दो प्रमुख पहचान बताइए l

प्रश्न घ सांस्कृतिक क्रियाकलापों की जीवन में क्या उपयोगिता है?

प्रश्न ड़ मनुष्य के आदि युग के विकास की सनातन जड़ें कहां पाई जाती है?

प्रश्न च गद्यांश का उचित शीर्षक बताइए।

Answers

Answered by rohitasryadav
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Answer:

हमारे विशाल देश में हिमालय की अनंत हिम राशि ने जिन वारिधाराओं को जन्म दिया है , उनमें उत्तरापथ को सीचने वाली गंगा और यमुना नाम की नदियां जीवन की धमनियों की तरह हमारे ऐतिहासिक चैतन्य की साक्षी रही हैं

Explanation:

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Answered by gvinder083
0

Answer:

Ans2 bharatbhommi hamari mata hai Aur ham uske putra hai yah sachai hamara rom rom mai bandhi hui hai

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