1. निम्नलिखित गद्यांश तथा पयांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दें
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क. दुनिया का हर व्यक्ति अलग-अलग है | हर एक की अपनी अलग पहचान है। कोई व्यक्ति किसी दूसरे
व्यक्ति-सा नहीं हो सकता । जब प्रकृति ने ही हमें अलग किया है तो हम क्यो युद को दूसरे जैसा बनाने का प्रयास
करें | हम जैसे भी हैं,जो भी हैं हम स्वयं सर्वश्रेष्ठ हैं। अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए हम जितना भी श्रम करे
वह इसलिए हो कि हम खुद को ऊपर उठा सकें न कि इसलिए कि हम उठकर दूसरे तक पहुँच जाएँ । इन सब कामों
को करने के लिए किसी विशेष श्रम की आवश्यकता नहीं है बल्कि एक छोटी-सी कोशिश भी इसके लिए काफी होगी।
ध्यान रहे दुनिया के महानतम लोगों में शुमार होने वाले व्यक्तियों में भी कुछ खास नहीं था,लेकिन हाँ,अगर कुछ खास
था,तो वह था उनका आत्मविश्वास और खुद की क्षमताओं पर उनका अटूट विश्वास जिसासे उन्होंने जमाने की हर
ऊँचाई को छुआ | आप भी यकीनन उन ऊँचाइयों को छू सकते हैं, लेकिन उसके लिए आपको अपना रास्ता खुद बनाना
होगा | आपका अंदाज आपकी पहचान है | यह यकीन दिल में रखे हुए आप अपनी मंजिल की तरफ बढते आएँ:
विश्वास रखिए आप दुनिया के सबसे अलग व्यक्तित्व हैं ।
क. दुनिया के हर व्यक्ति को एक-दूसरे से अलग क्यों कहा गया है ?
ख. हमारे व्यक्तित्व-विकास का उद्देश्य क्या होना चाहिए ?
ग. महान व्यक्तियों की सबसे बड़ी खासियत क्या थी ?
प. अपने व्यक्तित्व की पहचान के लिए व्यक्ति को क्या करना चाहिए ?
च. गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
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1. duniya k har vyakti ko alag alag kaha gya hai kyu ki har ek ki apni alag pehchan hai.
2.hamare vyaktitv ko nikharne k liye ham jitna bhi shram kare vah isiliye ho ki ham khud ko uppar utha sake.
3.mahan vyaktitv ki sabse badi khasiyat thi ki unka aatmvishvaas aur khud ki shamtao par atut vishvas
4. aapko apna rasta khud banana chahiye
5.vyaktitv
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