1) निम्नलिखित गदयांश को पढकर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए:- परिश्रम ही सफ़लता की कुंजी है । जो भाग्य के भरोसे बैठे रहते हैं , वे जीवन में कुछ भी प्राप्त नहीं कर पाते । जो प्रयत्न करते हैं, वे अपने दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदल देते हैं । अमरीका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन एक गरीब लकडहारे के परिवार में पैदा हुए । उनके पास स्कूल जाने या किताबें खरीदने केलिए भी पैसे नहीं थे । वे आठ कोस पैदल चलकर उस व्यक्ति के घर जाते थे, जिसने अपने पुस्तकालय में बैठकर पुस्तकें पढ़ने की उन्हें अनुमति दे रखी थी । सारा दिन लकडी काटने के बाद संध्या को पुस्तकें पढना, मीलों पैदल जाना -आना इसी परिश्रम ने उन्हें कुंदन-सा चमका दिया । व्यक्ति परिश्रम करे तो वह सब कुछ पा सक्ता है, जो वह पाना चाहता है और यदि आलसी हो तो वह सब खो सकता है, जो उसे प्राप्त हो चुका है । इसी लिए हमारे ऋषि-मुनियों ने कहा - " चरैवेति, चरैवेति " - अर्थात चलते रहो चलते रहो । जो बैठ गया, उसका भाग्य भी बैठ जाता है। प्रश्न :- १) दुर्भाग्य को सौभाग्य में कैसे बदला जा सकता है २) अब्राहम लिंकन की सफलता का क्या राज़ है ? 3) अबाहम लिंकन कंटन -सा चमकने के पीछे क्या परिश्रम है?
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1) दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदलने के लिये प्रयत्न करणा जरुरी हैं |
2) अब्राहम लिंकन की सफलता का राज 'परिश्रम' हैं |
3) सारा दिन लकडी काटणे के बाद संध्या को पुस्तके पढना, मिलो पैदल चलना इसी परिश्रम ने उन्हे कुंदन सा चमका दिया |
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