1 निम्नलिखित गदयांश को ध्यान से पढ़िए तथा संबन्धित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(1X3 =3)
एक व्यक्ति को पूर्णतया जानने के लिए जैसे उसके रूप,रंग, आकार,बोल-चाल,विचार,
आचरण आदि से परिचित हो जाना आवश्यक हो जाता है,वैसे ही किसी जाति की
संस्कृति को मूलतः समझने के लिए उसके विकास की सभी दिशाओं का ज्ञान अनिवार्य
है। किसी मनुष्य-समूह के साहित्य,कला,दर्शन आदि के संचित ज्ञान और भाव का ऐश्वर्य
ही उसकी संस्कृति का परिचायक नहीं, उस समूह के प्रत्येक व्यक्ति का साधारण
शिष्टाचार भी उसका परिचय देने में समर्थ है। साधारणतः एक देश की संस्कृति अपनी
बाहा रूपरेखा में दूसरे देश की संस्कृति से भिन्न जान पड़ती है किन्तु बाहर की
भिन्नताओं को पार कर यदि हम मनुष्य की संस्कार चेतना की परीक्षा करें तो दूर दूर
बसे मानव समूहों में आश्चर्यजनक साम्य मिलेगा।
(किसी जाति की संस्कृति को समझने के लिए क्या आवश्यक है?
(क) उसके विकास की सभी दिशाओं का ज्ञान
(ख) वहाँ के लोगों के रूप-रंग
(ग) लोगों के विचार
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