1. निम्नलिखित काव्यांश का सप्रसंग सरलार्थ करें:-
जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास
पृथ्वी घूमती हुई आती है उनके बेचैन पैरों के पास
जब वे दौड़ते हैं बेसुध
छतों को भी नरम बनाते हुए
दिशाओं को मृदंग की तरह बजाते हुए
जब वे पेंग भरते हुए चले आते हैं
डाल की तरह लचीले वेग से अकसर
Answers
Answered by
2
Explanation:
कवि कहता है कि जन्म लेने के समय से ही बच्चे और कपास में
अटूट संबंध होता है। वे इतनी तेजी से आगे पीछे चलते है
कि मानो बेचैन धरती खुद उनके पेरो के नीचे से धूमकर निकल रही हो उनके जीवन में ऐसी बेहोश मस्ती होती है,कि उन्हें धूप - गर्मी ,कठोर छत दीवारों का बोध तक नहीं होता। वे कठोर छत पर इस तरह से दौड़ते हैं कि मानो वे बहुत नरम है। उनके नरम पैरों से छत भी नरम हो जाती है। जिस के कारण सारी दिशाओं में मर्दगं जैसा मीठा संगीत गूंजने लगता है। वे चलते हैं तों झूला झूलते हुए झोंको के समान चलते हैं। उनकी गति पायं पेड़ की डालियां की भांति लचीली होती है
Similar questions
English,
3 months ago
Science,
3 months ago
English,
3 months ago
Business Studies,
7 months ago
Chemistry,
7 months ago
Math,
11 months ago
Math,
11 months ago
Environmental Sciences,
11 months ago