1. निम्नलिखित काव्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
अब कैसे छूटै राम नाम रट लागी।
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प्रभु जो, तुम चंदन हम पानी, जाकी अंग-अंग बास समानी।
प्रभु जी, तुम घन बन हम मोरा, जैसे चितवत चंद चकोरा।
प्रभु जी, तुम दीपक हम बाती, जाकी जोति बरै दिन राती।
प्रभु जी, तुम मोतो हम धागा, जैसे सोनहिं मिलत सुहागा।
प्रभु जी, तुम स्वामी हम दासा, ऐसी भक्ति करै रैदासा॥
1. उपरोक्त काव्याश से अनुप्रास अलंकार का एक उदाहरण लिखिए।
2. कवि ने चंदन और पानी के उदाहरण द्वारा ईश्वर और भक्त के संबंध को कैसे समझाया है?
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