1.निम्नलिखित में से कौन सी आकृति ज्वालामुखी नीचे से बनी है? *
a. हिमालय पर्वत
b. प्रायद्वीपीय पठार
c. उत्तर के मैदान
d. भारतीय मरुस्थल
2.सिंधु और सतलुज नदी के बीच स्थित महासागर का भाग कहलाता है *
a. पंजाब हिमालय
b. कुमाऊं हिमालय
c. नेपाल हिमालय
d. इनमें से कोई नहीं
3.निम्नलिखित में से हिमालय की किस श्रेणी को 'वृहद हिमालय' के नाम से जाना जाता है? *
a. हिमाचल श्रेणी को
b. हिमाद्रि श्रेणी को
c. शिवालिक श्रेणी को
d. इनमें से कोई नहीं
3.पश्चिमी घाट का सर्वोच्च शिखर है *
a. महेंद्र गिरी
b. एवरेस्ट
c. अनाईमुदी
d. नंदा देवी
4.पुराने जलोढ़ के मैदान जो वेदिका जैसी आकृति बनाते हैं, कहलाते हैं- *
a. भाबर
b. भाँगर
c. खादर
d. इनमें से कोई नहीं
5.भारतीय रेगिस्तान में पाए जाने वाले बालू के अर्धचंद्राकार टीले को कहा जाता है *
a. लूनी
b. बरकान
c. मैकाल
d. झील
Answers
Answer:
1) d
Explanation:
ans 1 was too easy now next
Answer:
- ज्वालामुखी पृथ्वी की सतह पर उपस्थित ऐसी दरार या मुख होता है जिससे पृथ्वी के भीतर का गर्म लावा, गैस, राख आदि बाहर आते हैं।[1] वस्तुतः यह पृथ्वी की ऊपरी परत में एक विभंग (rupture) होता है जिसके द्वारा अन्दर के पदार्थ बाहर निकलते हैं। ज्वालामुखी द्वारा निःसृत इन पदार्थों के जमा हो जाने से निर्मित शंक्वाकार स्थलरूप को ज्वालामुखी पर्वत कहा जाता है।
Explanation:
2. सिन्धु नदी (अंग्रेज़ी: Indus River) एशिया की सबसे लंबी नदियों में से एक है। यह पाकिस्तान, भारत (जम्मू और कश्मीर) और चीन (पश्चिमी तिब्बत) के माध्यम से बहती है। सिन्धु नदी का उद्गम स्थल, तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब नामक जलधारा माना जाता है। इस नदी की लंबाई प्रायः 3610(२८८०) किलोमीटर है। यहां से यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती है। नंगा पर्वत के उत्तरी भाग से घूम कर यह दक्षिण पश्चिम में पाकिस्तान के बीच से गुजरती है और फिर जाकर अरब सागर में मिलती है। इस नदी का ज्यादातर अंश पाकिस्तान में प्रवाहित होता है। यह पाकिस्तान की सबसे लंबी नदी और राष्ट्रीय नदी है।
3. पश्चिमी घाट का सर्वोच्च शिखर कौन सा है? भारत के पश्चिमी तट पर स्थित पर्वत श्रृंखला को पश्चिमी घाट या सह्याद्रि कहते हैं। पश्चिमी घाट की सर्वोच्च चोटी अन्नाईमुडी(Anamudi) है।
4. पर्वतीय ढाल से नीचे उतरती हुई नदी, जब गिरिपद के समीप समतल मैदान में प्रवेश करती है, तब उसके वेग में अचानक कमी आती है और उसके जल के साथ प्रवाहित होने वाले शैल खंड एवं जलोढ़क पर्वतीय ढाल के समीप निक्षेपित होते हैं, जिससे पंखे की आकृति वाली अर्द्धवृत्ताकार स्थलाकृति का निर्माण होता है। इसे 'जलोढ़ पंख' कहा जाता है।