Hindi, asked by ayushtamboli853, 3 months ago

1.
निम्नलिखित में से किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए
10x1-10
आदमी उठता है, गिरता है, गिरता है और उठता है। उठने, गिरने में कोई बड़ी बात नहीं है। यह
तो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। उदय होना और अस्त होना, कोई बड़ी बात नहीं है। किंतु उठने और
गिरने में बड़ी बात यह होती है कि जिसका मनोबल टूट जाता है वह गिरकर उठ नहीं पाता और
उठता है तो फिर गिर जाता है। जिसका मनोबल बराबर बना रहता है वह गिर जाए तो भी कोई
बात नहीं और उठा हुआ होता है तो भी कोई समस्या की बात नहीं। मूल बात है मनोबल की सुरक्षा।
यह मनोबल रह सकता है प्रज्ञा के पुष्ट आलंबन के द्वारा। प्रज्ञा का आलंबन पुष्ट होता है तो मनोबल
कभी क्षीण नहीं होता, साहस कभी क्षीण नहीं होता। जिसके साथ प्रज्ञा की अंगूठी थी वह समस्या
से उबर गया और जिसके पास हीरे की थी वह समस्या में उलझ गया। हमारे लिए हीरा बहुत कीमतो
नहीं होता। मनोबल हीरे से भी ज्यादा कीमती होता है। मनोबल के सहारे असंख्य होरे उपलब्ध हो
सकते हैं, किंतु हीरे के सहारे कभी मनोबल उपलब्ध नहीं हो सकता। कभी धन के आधार पर किसी
ने मनोबल पाया हो ऐसा लगा नहीं।​

Answers

Answered by Bhavana131909067
0

Answer:

ok but where are the questions to answer

Explanation:

ok

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