Hindi, asked by lokhipriyochakma456, 2 months ago

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निम्नलिखित में से सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक का चयन कीजिए:-
उन्नति के सन्दर्भ में जीवन मूल्यों की प्रासंगिकता
मानव चित्त के आकर्षण निवारण में आदर्शों की भूमिका
IIL. समाज कल्याण हेतु धर्म और कानून का सहअस्तित्व
धार्मिक व सार्वभौमिक मूल्यों का एकीकरण
II
IV​

Answers

Answered by vivekmallick243
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Answer:

कवि ने जीवन का आशय जगत से लिया है अर्थात् वह जगतरूपी जीवन का भार लिए घूमता है। कहने का भाव है कि कवि ने अपने जीवन को जगत का भार माना है। इस भार को वह स्वयं वहन करता है। वह अपने जीवन के प्रति लापरवाह नहीं है। लेकिन वह संसार का ध्यान नहीं करता। उसे इस बात से कोई मतलब नहीं है कि संसार या उसमें रहने वाले लोग क्या करते हैं। इसलिए उसने अपनी कविता में कहा है कि मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ। अर्थात् मुझे इस संसार से कोई या किसी प्रकार का मतलब नहीं है।

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