1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
1. अर्जुन और दुर्योधन श्रीकृष्ण के पास द्वारका क्यों गए? श्रीकृष्ण से उन्हें क्या मिला?
2. सात्यकि कौन था? बलराम की बातों से क्रोधित होकर उसने क्या कहा?
3. दुर्योधन ने राजा शल्य के साथ कैसे धोखा किया?
4. संजय को दूत बनाकर किसने, कहाँ भेजा और क्यों ?
5. श्रीकृष्ण जब शांति दूत बनकर हस्तिनापुर गए, तब दुर्योधन ने उनके साथ कैसा व्यवहार किया था?
6. कुंती कर्ण के पास क्यों गई थी ? उसने कर्ण से क्या कहा था?
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Answer:
1- महाभारत में जब ये तय हो गया कि कौरव और पांडवों के बीच युद्ध होगा, तब अर्जुन और दुर्योधन श्रीकृष्ण से मदद मांगने द्वारिका गए। ... उस समय श्रीकृष्ण सो रहे थे। इसीलिए दोनों उनके जागने की प्रतिक्षा करने लगे। कुछ देर बाद श्रीकृष्ण ने आंखें खोली तो उन्होंने सबसे पहले अर्जुन को देखा, क्योंकि वह श्रीकृष्ण के पैरों के पास बैठा था।
2- सात्यकि महाभारत में एक वीर जो यादवों का सेनापति थे। सत्यकि यादवों के एक कुल का राजकुमार, वासुदेव कृष्ण का अभिन्न मित्र एवं महाभारत के समय पाण्डवों की ओर से लडने वाला एक योद्धा था। वह उन चंद लोंगों में से था जो कि महाभारत के बाद जीवित बच गए थे। सात्यकि, शिनि का पुत्र जिसको 'दारुक', 'युयुधान' तथा 'शैनेय' भी कहते हैं।
3- राजा शल्य और उनकी सेना ने जहां कहीं भी डेरा डाला, दुर्योधन ने चतुराई से उनको खूब सुविधा दी और आदर सत्कार किया। राजा शल्य और उनकी सेना का ख्याल रखा जिससे प्रसन्न होकर उन्होंने दुर्योधन के पक्ष में रहकर युद्ध करने का वचन दे दिया।
4- सारे संसार की भलाई को ध्यान में रखकर धृतराष्ट्र ने अपनी तरफ़ से संजय को दूत बनाकर पांडवों के पास भेजने का निश्चय किया।
5-भगवान कृष्ण सात्यकि की योग्यता और निष्ठा पर बहुत विश्वास करते थे। जब वे पांडवों के शांतिदूत बनकर हस्तिनापुर गए, तो अपने साथ केवल सात्यकि को ले गए। ... तब श्रीकृष्ण ने शांति प्रस्ताव के तहत कौरवों से पांडवों के लिए 5 गांव मांगे थे, लेकिन दुर्योधन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
6- Sorry I don't know that what will be it's answer .