Hindi, asked by mandalemohit, 3 months ago

1) निम्नलिखित पघाश की संप्रसग व्याख्या लिखिए। जाके प्रिय न राम वैदेही। ताहि कोटि फैरी सम‌, जदपि परम सनेही ।। तज्यो प्रहलाद, विभीषण बंधु भरत महतारी। बलि गुरु तज्यौं, कंन बज-बनियन, भए मुद-मगलकारी ।। नाते नेह राम के मनियत सुहद सुसेव्य जहाँ लौं ।। अंजन कहा आखि जेहि फूटै बहुतक कहौं कहौं लौं ।।
तुलसी सोम सब भांति परमहित पूज्य प्रान ते प्यारों। जासों होय सनेह राम पदं,ऐतो मतो हमारो ।।​

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Answered by adil589
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Answer:

निम्नलिखित पघाश की संप्रसग व्याख्या लिखिए। जाके प्रिय न राम वैदेही। ताहि कोटि फैरी सम‌, जदपि परम सनेही ।। तज्यो प्रहलाद, विभीषण बंधु भरत महतारी। बलि गुरु तज्यौं, कंन बज-बनियन, भए मुद-मगलकारी ।। नाते नेह राम के मनियत सुहद सुसेव्य जहाँ लौं ।। अंजन कहा आखि जेहि फूटै बहुतक कहौं कहौं लौं ।।

तुलसी सोम सब भांति परमहित पूज्य प्रान ते प्यारों। जासों होय सनेह राम पदं,ऐतो मतो हमारो ।।

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