1. निम्नलिखित पन्याश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
ज्यों निकलकर बादलों की गोद से, थी अभी इक बूँद कुछ आगे बढ़ी। सोचने फिर-फिर यही जी में लगी, आह! क्यों घर छोड़कर मैं यों कढ़ी। देव, मेरे भाग्य में है क्या बदा? मैं बनूंगी या मिलूँगी धूल में। जल उलूंगी गिर अंगारे पर किसी, चू पड़ेंगी या कमल के फूल में। बह उठी उस काल इक ऐसी हवा, वह समंदर ओर आई अनमनी। एक सुंदर सीप का था मुँह खुला, वह उसी में जा गिरी, मोती बनी। लोग अकसर हैं झिझकते-सोचते, जबकि उनको छोड़ना पड़ता है घर। किंतु घर का छोड़ना अकसर उन्हें, बूंद लौं कुछ और ही देता है कर।
1. बूंद कहाँ से निकली?
2. बूंद द्वारा कहा गया 'आह' शब्द किस भाव को व्यक्त करता है?
3. बूंद की चिंता का विषय क्या है?
4. अंत में बूंद कहाँ जाकर गिर पड़ी?
5. 'ज्यों निकलकर बादलों की गोद से'-में निहित अलंकार बताइए।
PLS ANS THIS FOR ME
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१. ज्यों की बादलोके गोद हे.
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1. ज्यो निकल कर बदलो की गोड से
2. अहो क्यू घर छोड कर मैं यू कढी
3. बुंद की चिंता है की उसके भाग्य में क्या है ये उसे पता नही है
4. एक सुंदर सीप का था मुँह खुला, वह उसी में जा गिरी
5. I don't Know I M Really
Explanation:
Thank You Hope it wil helps you
Study Well Dear
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