1. निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए |
एक विशेष बात यह है कि नारियों के गाने साधारणतः अकेले नहीं गाए जाते, दल
बाँधकर गाए जाते हैं। अनेक कंठ एक साथ फूटते हैं यद्यपि अधिकतर उनमें मेल नहीं
होता, फिर भी त्योहारों और शुभ अवसरों पर वे बहुत ही भले लगते हैं। गाँवों और नगरों
में गायिकाएँ भी होती हैं जो विवाह, जन्म आदि के अवसरों पर गाने के लिए बुला ली
जाती हैं। सभी ऋतुओं में स्त्रियाँ उल्लसित होकर दल बाँधकर गाती हैं। पर होली, बरसात
की कजरी आदि तो उनकी अपनी चीज़ है, जो सुनते ही बनती है। पूरब की बोलियों में
अधिकतर मैथिल-कोकिल विद्यापति के गीत गाए जाते हैं। पर सारे देश के-कश्मीर से
कन्या कुमारी केरल तक और काठियावाड़-गुजरात-राजस्थान से उड़ीसा-आंध्र तक-
अपने-अपने विद्यापति हैं।
1. पूरब की बोलियों में अधिकतर किसके गीत गाए जाते हैं ?
2. गाँव और नगरों में गायिकाओं को किन-किन अवसरों पर गाने के लिए बुलाया जाता है?
3. नारियों के गाने की क्या विशेषता है ? मेल ना होते हुए भी वे कब अच्छे लगते हैं?
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Ans1.पूरब की बोलियों में अधिकतर मैथिल-कोकिल विद्यापति के गीत गाए जाते हैं।
Ans2.त्योहारों , शुभ अवसरों , विवाह और जन्मआदि के अवसरों पर गाने के लिए बुलाया जाता है l
Ans3.एक विशेष बात यह है कि नारियों के गाने साधारणतः अकेले नहीं गाए जाते, दल
बाँधकर गाए जाते हैं। अनेक कंठ एक साथ फूटते हैं यद्यपि अधिकतर उनमें मेल नहीं l
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