1. निम्नलिखित पद्यांश की सप्रसंग व्याख्या करो।
नीड न दो चाहे पहनी का
आश्रय छिन्न-भिन्न कर डालो
लेकिन पंख दिए हैं तो
आकुल उड़ान में विघ्न ना डालो।
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Explanation:
यह पंक्तियाँ पंछी उन्मुक्त गगन के कविता से लिया गया है| यह कविता श्री शिव मंगल सिंह सुमन द्वारा लिखी गई है|
इन पंक्तियों के माध्यम से पक्षी यह दर्शाना चाहते है कि हमें रहने के लिए घोंसला भी न दो और टहनी के आश्रय भी मत दो | ईश्वर ने जो हमें पंख दिए है उड़ने के लिए उस में बाधा मत डालो , हमें कैद करके मत रखो | हमें स्वतंत्र रूप से उड़ने दो | हमें अपनी आज़ादी का मज़ा लेने दो |
Hope it helps you. ^_^
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Answer:
HEYA U HAD ANSWERED MY QUESTION JUST NOW....U CAN FOLLOW THE STEPS TO ANSWER ANY QUES
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