1.!न#न$ल&खत अप,ठत ग/मांश को पढ़कर ,दए गए :;न< के उ?र द@िजए |
5
देना ह' देवता क+ वा,त-वक -वशेषता है। असहाय 5यि7त का शोषण करने वाला
<कसी को केवल दः
ु
ख दे सकता है। देने का काम वह' कर सकता है जो ,वयं
भी पFरपण
ू
H होता है। देवता ,वयं को भी देता हैऔर दसू रJ को भी। िजसने ,वयं
को न Kदया, वह दसू रJ को 7या देगा ? हम लोग अ7सर कहते हOकजसू
<कसी
को क
ु
छ नह'ं देता। यह बात ठSक नह'ं है <क क
ृ
पण। दसू रे को नह'ं देता, पर
क
ृ
पण ,वयं को भी । कहाँ देता है? वह द'न-ह'न क+ तरह रहता है और उसी
तरह मर भी जाता है। देने से <कसी 5यि7त क+ सXपYनता साथHक होती है। धन
क+ तीन ग\तयाँ होती हO-उपभोग, दान और नाश। िजसने धन का उपभोग नह'ं
<कया, दान नह'ं <कया, उसके धन के ]लए एक ह' ग\त बचती है-नाश। घसू
और अन\ैतक ढंग से हड़पकर दसू रJ के धन से घर भरने वालJ का यह' अYतहोता है। सcा, 5यापार, राजनी\त मd इस fकार के सफेदपोश लटु
ेरे छु
पे हु
ए हO।
जो हम अिजतH करते हO, वह हमारा जीवन है। धन हमारे जीवन का के Yi नह'ं
है। धन एक संसाधन है, िजससे हम अपनी िजXमेदाFरयJ को \नभाते हO। धन
एक सहायक-सामjी है, िजससे हम जीवन के उkदेlयJ क+ प\
ूतH करते हO। धन
का काम है <क वह हमd सख
ु दे। यह सख
ु हमd तीन <mयाओं से ]मलता हैधन के
अजHन से, धन के उपभोग से और धन के दान से । इन तीन <mयाओं से धन
हमार' सेवा करता है। बाक+ <mयाओं से हम धन क+ सेवा करते हO। कजसू
धन
को बचा लेते हO। अप5ययी उसे उड़ा देते हO, लाला उसे उधार देते हO। चोर उसे
चरु
ा लेते हO, धनी उसे बढ़ा देते हO, जआ
ु र' उसे गाँवा देते हOऔर मरने वाले उसे
पीछे छोड़ जाते हO।
(क) देवता क+ वा,त-वक -वशेषता 7या है? 2
(ख) कजसू
का जीवन कैसा होता है? 2
(ग) धन क+ <कतनी ग\तयाँ होती हO? 2
(घ) <कस धन का नाश होता है? 2
(ड) हमd सख
ु
कैसे ]मलता है? 1
(च) उपय7
ुत गkयांश के ]लए एक उuचत शीषक द'िजए |
Answers
Answer:
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देना ह' देवता क+ वा,त-वक -वशेषता है। असहाय 5यि7त का शोषण करने वाला
<कसी को केवल दः
ु
ख दे सकता है। देने का काम वह' कर सकता है जो ,वयं
भी पFरपण
ू
H होता है। देवता ,वयं को भी देता हैऔर दसू रJ को भी। िजसने ,वयं
को न Kदया, वह दसू रJ को 7या देगा ? हम लोग अ7सर कहते हOकजसू
<कसी
को क
ु
छ नह'ं देता। यह बात ठSक नह'ं है <क क
ृ
पण। दसू रे को नह'ं देता, पर
क
ृ
पण ,वयं को भी । कहाँ देता है? वह द'न-ह'न क+ तरह रहता है और उसी
तरह मर भी जाता है। देने से <कसी 5यि7त क+ सXपYनता साथHक होती है। धन
क+ तीन ग\तयाँ होती हO-उपभोग, दान और नाश। िजसने धन का उपभोग नह'ं
<कया, दान नह'ं <कया, उसके
1.!न#न$ल&खत अप,ठत ग/मांश को पढ़कर ,दए गए :;न< के उ?र द@िजए |
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देना ह' देवता क+ वा,त-वक -वशेषता है। असहाय 5यि7त का शोषण करने वाला
<कसी को केवल दः
ु
ख दे सकता है। देने का काम वह' कर सकता है जो ,वयं
भी पFरपण
ू
H होता है। देवता ,वयं को भी देता हैऔर दसू रJ को भी। िजसने ,वयं
को न Kदया, वह दसू रJ को 7या देगा ? हम लोग अ7सर कहते हOकजसू
<कसी
को क
ु
छ नह'ं देता। यह बात ठSक नह'ं है <क क
ृ
पण। दसू रे को नह'ं देता, पर
क
ृ
पण ,वयं को भी । कहाँ देता है? वह द'न-ह'न क+ तरह रहता है और उसी
तरह मर भी जाता है। देने से <कसी 5यि7त क+ सXपYनता साथHक होती है। धन
क+ तीन ग\तयाँ होती हO-उपभोग, दान और नाश। िजसने धन का उपभोग नह'ं
<कया, दान नह'ं <कया, उसके धन के ]लए एक ह' ग\त बचती है-नाश। घसू
और अन\ैतक ढंग से हड़पकर दसू रJ के धन से घर भरने वालJ का यह' अYतहोता है। सcा, 5यापार, राजनी\त मd इस fकार के सफेदपोश लटु
ेरे छु
पे हु
ए हO।
जो हम अिजतH करते हO, वह हमारा जीवन है। धन हमारे जीवन का के Yi नह'ं
है। धन एक संसाधन है, िजससे हम अपनी िजXमेदाFरयJ को \नभाते हO। धन
एक सहायक-सामjी है, िजससे हम जीवन के उkदेlयJ क+ प\
ूतH करते हO। धन
का काम है <क वह हमd सख
ु दे। यह सख
ु हमd तीन <mयाओं से ]मलता हैधन के
अजHन से, धन के उपभोग से और धन के दान से । इन तीन <mयाओं से धन
हमार' सेवा करता है। बाक+ <mयाओं से हम धन क+ सेवा करते हO। कजसू
धन
को बचा लेते हO। अप5ययी उसे उड़ा देते हO, लाला उसे उधार देते हO। चोर उसे
चरु
ा लेते हO, धनी उसे बढ़ा देते हO, जआ
ु र' उसे गाँवा देते हOऔर मरने वाले उसे
पीछे छोड़ जाते हO।
(क) देवता क+ वा,त-वक -वशेषता 7या है? 2
(ख) कजसू
का जीवन कैसा होता है? 2
(ग) धन क+ <कतनी ग\तयाँ होती हO? 2
(घ) <कस धन का नाश होता है? 2
(ड) हमd सख
ु
कैसे ]मलता है? 1
(च) उपय7
ुत गkयांश के ]लए एक उuचत शीषक द'िजए |