Hindi, asked by MiliKumari0402, 8 months ago

1. निर्मित से मूल शब्द तथा प्रत्यय अलग करें।
2. स्वर्ण-निर्मित का समास-विग्रह करें।
3. 'मत' का दो अर्थ लिखें।
4. 'अकर्मण्य से एक वाक्य बनाएँ।
5. हटाओ उस नापाक लाश को। का अर्थ के आधार पर वाक्य-भेद लिखें।
6. अलंकार से आप क्या समझते हैं ?
7. व्यंजन संधि की परिभाषा समझाकर लिखें।
8. अलंकार के कितने प्रकार हैं? प्रत्येक की परिभाषा उदाहरण सहित लिखें।
9. स्वर संधि के कितने भेद हैं? स्वर संधि की परिभाषा लिखकर उनके भेदों के नाम लिखें।​

Answers

Answered by garv5749
1

Explanation:

tyys56q5vaii1y2qyqo7w soap so

Answered by taniya10117
3

Answer:

1. निर्म + इत

2. स्वर्ण से निर्मित है जो ( लक्ष्मी मन्दिर )

3. मत = मना करना , वोट

4. राम अकर्मण्य है ।

5.

6. अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – अलम + कार। यहाँ पर अलम का अर्थ होता है ' आभूषण। ... जिस तरह से एक नारी अपनी सुन्दरता को बढ़ाने के लिए आभूषणों को प्रयोग में लाती हैं उसी प्रकार भाषा को सुन्दर बनाने के लिए अलंकारों का प्रयोग किया जाता है।

7.

8. शब्दालंकार के भेद

क ) अनुप्रास अलंकार 

वर्णों की आवृत्ति को अनुप्रास अलंकार कहते हैं. वर्णों की आवृत्ति के आधार पर  वृत्यानुप्रास , छेकानुप्रास , लाटानुप्रास , श्रत्यानुप्रास, और अंत्यानुप्रास आदि इसके मुख्य भेद हैं।

ख ) यमक

यमक एक ही शब्द की आवृत्ति 2 या उससे अधिक बार होती है लेकिन अर्थ उनके भिन्न-भिन्न होते है।

ग )श्लेश अलंकार

एक ही शब्द के कई अर्थ निकलते हैं तो वहां स्लेश अलंकार होता है ध्यान रखने योग्य बात यह है कि यमक के शब्द आवृत्ति होती है और एकाधिक अर्थ होते हैं जबकि प्लेस में बिना शब्द की आवृत्ति ही शब्द के एकाधिक अर्थ होते हैं।

अर्थालंकार – Arth alankar

1. उपमा

यहां किसी वस्तु की तुलना सामान्य गुण धर्म के आधार पर वाचक शब्दों से अभिव्यक्त होकर किसी अन्य वस्तु से की जाती है। उपमा अलंकार होता है जैसे पीपर पात सरिस मन डोला।

2. रूपक

जहां उपमेय और उपमान भिन्नता हो और वह एक रूप दिखाई दे जैसे चरण कमल बंदों हरि राइ।

3. उत्प्रेक्षा

जहां प्रस्तुत उप में के अप्रस्तुत उपमान की संभावना व्यक्ति की जाए वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है जैसे वृक्ष ताड़ का बढ़ता जाता मानो नभ को छूना चाहता।

4. भ्रांतिमान 

जहां समानता के कारण उपमेय में उपमान की निश्चयात्मक प्रतीति हो और वह क्रियात्मक परिस्थिति में परिवर्तित हो जाए।

5. सन्देह

यहां उसी वस्तु के समान दूसरी वस्तु की संदेह हो जाए लेकिन वह निश्चित आत्मक ज्ञान में ना बदले वहां संदेह अलंकार होता है।

6. अतिशयोक्ति अलंकार

जहां प्रस्तुत व्यवस्था का वर्णन कर उसके माध्यम से किसी अप्रस्तुत वस्तु को व्यंजना की जाती है वहां और अतिशयोक्ति अलंकार होता है।

जहां किसी वस्तु का वर्णन बढ़ा चढ़ाकर किया जाए वहां अतिशयोक्ति अलंकार होता है ।

जैसे – हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आगि, लंका सिगरी जल गई ,गए निशाचर भागी।।

7. विभावना अलंकार

जहां कारण के अभाव में कार्य की उत्पत्ति का वर्णन किया जाता है विभावना अलंकार होता है।

जैसे

चुभते ही तेरा अरुण बाण

कहते कण – कण  से फूट – फूट

मधु के निर्झर के सजल गान ।

8. मानवीकरण

जहां का मूर्त या अमूर्त वस्तुओं का वर्णन सचिव प्राणियों या मनुष्यों की क्रियाशीलता की भांति वर्णित किया जाए वहां मानवीकरण अलंकार होता है अर्थात निर्जीव में सचिव के गुणों का आरोपण होता है।

 

Similar questions