Hindi, asked by balajigroupbk, 11 months ago

1. नदियों को माँ मानने की परंपरा हमारे यहाँ काफी पुरानी है। लेकिन लेखक
नागार्जुन उन्हें और किन रूपों में देखते है।​

Answers

Answered by swethamaneesh
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Explanation:

नदियों को माँ मानने की परंपरा भारतीय संस्कृति में अत्यंत पुरानी है। नदियों को माँ का स्वरुप तो माना ही गया है लेकिन लेखक नागार्जुन ने उन्हें बेटियों, प्रेयसी व बहन के रूपों में भी देखते है।

Answered by Chaitanya1696
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कवि नागार्जुन नदियों को किस रूप में देखते हैं, यह प्रश्न हमें प्रदान किया जाता है। ते कवि नागार्जुन नदियों को किस रूप में देखते हैं इसका उत्तर इस प्रकार है:

  • कई कवि और लेखक कविता में नदियों को संबोधित करते हैं।
  • वे उन्हें कविता में अपनी माँ के रूप में संबोधित करते हैं।
  • लेकिन कवि नागार्जुन ने नदियों को अपनी बहनें कहकर संबोधित किया है।
  • उन्होंने उन्हें सदाचारी और प्रेयसी कहकर संबोधित किया है।
  • इससे पता चलता है कि कवि का देश की नदियों के प्रति प्रेम है।

PROJECT CODE: #SPJ3

1. 'नदियों के परोपकारी स्वभाव हिमालय की विशेषताओं पर स्वरचित 4 स्लोगन लिखकर उसे सो जाइए ​' उपरोक्त जैसे प्रश्नों के लिए कृपया देखें:

https://brainly.in/question/51921008

2. *स्थल का वह भूभाग जहाँ कोई नदी अपनी सहायक नदियों के साथ बहती है, उस नदी का ________________ कहलाता है।* 1️⃣ मैदान 2️⃣ चापझील 3️⃣ बेसिन 4️⃣ जलप्रपात​ उपरोक्त जैसे प्रश्नों के लिए कृपया देखें:

https://brainly.in/question/45851059

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