1.पेड और पानी के बारे में 10-10 वाक्य बनाइये।
Answers
Answer:
पानी कितना अनमोल है यह हमें तब समझ में आता है, जब मई-जून की गर्मी में हमारे नलों में पानी दो-दो दिनों के लिए गायब हो जाता है। जब हमारे बोरिंग जवाब दे जाते हैं और टेंकर से पानी डलवाकर पैसा व ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्त्रियां मीलों दूर से सिर पर दो-दो मटके पानी ढोकर लाती हैं। नलों पर खाली बर्तन लिए गरीब और झुग्गी झोपड़ी वाले लंबी कतार में लगे रहते हैं और एक-एक बाल्टी पानी के लिए जान लेने तक को उतारू हो जाते हैं।
वहीं दूसरी ओर आलीशान बंगलों में रहने वाले लोगों के नौकर मोटे पाइप से कार व आंगन हर रोज धोते व पानी की बरबादी करते दिख जाएंगे। उनके 24 घंटे चलने वाले कूलर, एसी पानी व बिजली का लगातार दुरूपयोग करते हैं।
एक तरह पीने के पानी के लिए तरसता विशाल जनसमुदाय, कहीं लातूर जैसी जगह ट्रेन से पानी पहुंचाने की मजबूरी, तो कहीं टब बाथ लेता, कारों को धोता, आंगन व सड़कों को धोने के लिए अय्याशी के दायरे में आने वाली समुदाय जो मात्र पैसा होने से, बगैर अपने जैसे इंसानों की मूलभूत जरूरत को समझते, पानी का अति उपयोग कर बर्बादी कर रहा है। ऐसे लोगों की सोच समझ व मानसिकता पर प्रश्नचिन्ह तो है ही, पर उन्हें सुधारने के लिए क्या किया जाए इसकी चर्चा व जनचेतना जागृत करना अतिआवश्यक है। ऐसे लोग किसी का अनुरोध नहीं सुनते व कुछ कहने पर अपमानित करते हैं या लड़ने पर उतारू हो जाते हैं।