Hindi, asked by ruru5, 2 months ago

1. पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए :
(क) हिंदी की कृष्णभक्ति-काव्यधारा में कवयित्री मीराँबाई को कौन-सा स्थान प्राप्त है?
(ख) बचपन में मीराँबाई का लालन-पालन उनके दादाजी के ही संरक्षण में क्यों हुआ था?
(ग) मीराँबाई की काव्य-भाषा मूलतः क्या है?
(घ) लोग मीराँबाई को क्यों 'बावरी' कहा करते थे।
कवयित्री मीराँबाई ने अपने मन से कहाँ चलने का आग्रह किया है?
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Answers

Answered by chammasharma48
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Answer:

1. उत्तर: हिंदी की कृष्ण-भक्ति काव्य धारा में कवयित्री मीराँबाई को महाकवि सूरदास जी के बाद ही स्थान प्राप्त है। भारतीय जन-साधारण के बीच कबीरदास, सूरदास और तुलसीदास के भजनों की तरह मीरा- भजन भी समान रूप से प्रिय रहे हैं।

2. बचपन में मीरा की माता का देहांत हो गया था। ... उनके पिता रतन सिंह, राणा साँगा के साथ तत्कालीन राजनीतिक उथल-पुथल और युद्धों को लेकर व्यस्त रहते थे, अतः मीरा का लालन-पालन उनके दादाजी ने किया था। स्वभावत: मीरा के मानसपटल पर अपने दादा की भक्ति भावना का प्रभाव पड़ना ही था। संवत्‌ 1566 में राणा साँगा चित्तौड़ की गद्दी पर बैठे।

3. answer in image.

4. लोग मीरा को बावरी इसलिए कहते हैं क्योंकि वह कृष्ण प्रेम में पागल होकर उनकी मूर्ति के सम्मुख नाचती रहती है। वह कृष्ण को अपना पति मानती है। मीरा संतों की संगति में रहती है। इन बातों के कारण लोग मीरा को बावरी कहते हैं।

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