1) 'प्रकृति भेदभाव रहित व्यवहार करती है|' भगवान के डाकिए' कविता के आधार पर वाक्य
के आलोक में विचार व्यक्त कीजिए।
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प्राकृतिक भेदभाव नहीं नहीं करती बल्कि सब सबके लिए करती है जो भी करती है जैसे बारिश वह किसी एक मनुष्य के लिए नहीं करना किसी एक पौधे के लिए करती है बल्कि वे तो हर मनुष्य वह हर पेड़ पौधे के लिए करती हैं मगर इंसान हर एक चीज में भेदभाव करता है प्रकृति से कुछ सीखना चाहिए अगर व्यक्ति कहीं था बारिश कहीं पर कहीं का कहीं पर जा कर बरस जाता है कहीं की सुगंध कहां चली जाती है इसलिए प्रकृति कभी नहीं करती
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प्राकृतिक भेदभाव नहीं नहीं करती बल्कि सब सबके लिए करती है जो भी करती है जैसे बारिश वह किसी एक मनुष्य के लिए नहीं करना किसी एक पौधे के लिए करती है बल्कि वे तो हर मनुष्य वह हर पेड़ पौधे के लिए करती हैं मगर इंसान हर एक चीज में भेदभाव करता है प्रकृति से कुछ सीखना चाहिए अगर व्यक्ति कहीं था बारिश कहीं पर कहीं का कहीं पर जा कर बरस जाता है कहीं की सुगंध कहां चली जाती है इसलिए प्रकृति कभी नहीं करती
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