1. 'प्रकृति पर सर्वत्र है विजयी पुरुष आसीन'
समझाइए ।
इस पंक्ति का आशय
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उत्तर: 'प्रकृति पर सर्वत्र है विजयी पुरुष आसीन' इस पंक्ति का आशय है कि आज मनुष्य या पुरुष प्रकृति पर विजय पाया है। प्रकृति के संपत्ति को अपने वश में कर लिया है।
व्याख्या:प्रकृति ने इस संसार को बहुत कुछ दिया है परन्तु विजय पुरुष ने अपने वंश कर लिया है प्रकृति में पानी, पवन, विद्युत् सब पर मनुष्य ने अपना अधिकार स्थापित किया है।
व्याख्या:प्रकृति ने इस संसार को बहुत कुछ दिया है परन्तु विजय पुरुष ने अपने वंश कर लिया है प्रकृति में पानी, पवन, विद्युत् सब पर मनुष्य ने अपना अधिकार स्थापित किया है।
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