1. प्रमाणक क्या है? इसके प्रकारों को समझाइये
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pramanak arth paribhasha;जब हम बाजार से किसी वस्तु को खरीदते है तो हमें दुकानदार के द्वारा एक रसीद दी जाती है। यह रसीद हमारे लेन-देन का प्रमाण होता है। इसी तरह व्यापार में केई लेन-देन होते रहते है जिनका पुस्तकों में लेखा किया जाता है। इन लेखों को प्रमाणित करने के लिए जो भी लिखित प्रपत्र होते है, उन्ही को प्रमाणक कहते है।
प्रमाणक की परिभाषा (pramanak ki paribhasha)
जे.आर.बॉटलीबाय के शब्दों में,'' लेखांकन की पुस्तकों में किये गये लेखों की सत्यता का प्रमाण देने वाले प्रपत्र ही प्रमाणक कहे जाते है।''
लंकास्टर के शब्दों में,'' एक प्रमाणक की परिभाषा एक ऐसी प्रलेखीय साक्ष्य के रूप में की जा सकती है जिसके द्वारा पुस्तक की प्रविष्टियों की सत्यता जानी जा सकती है''
आर्थक डब्ल्यू. होम्स के शब्दों में,'' किसी सौदे की सत्यता का समर्थन करने वाले प्रलेखीय साक्ष्य को प्रमाणक कहते है।''
रोनाल्ड ए.आइरिश के शब्दों में,'' एक प्रमाणक एक रसीद, एक बीजक, एक समझौता, एक-मांग-पत्र या संक्षिप्त में कोई लिखित साक्ष्य अथवा सबूत हो सकता है जो कि लिखे हुए सौदों की पुष्टि करता हो।''
वे प्रलेख जो व्यवसाय में वस्तु की खरीदी का प्रमाण दें, वो "प्रमाणक" कहतलाते हैं|
- जब हम बाजार से किसी भी वस्तु की खरीदी करते हैं तो इस चीज़ की सत्यता दर्शाने के लिए की वाकई हमने वास्तु खरीदी है, हमे रशीद, बैंक रिसीप्ट, इत्यादि दिया जाता है| ये कागज इस बात का प्रमाण होती है की हमने सामान ख़रीदा है| इन्ही लिखित साक्ष्य को प्रमाणक कहते हैं| इनको ‘वॉउचर’ भी कहा जाता है|
- आर्थक डब्ल्यू. होम्स के शब्दों में,'' किसी सौदे की सत्यता का समर्थन करने वाले प्रलेखीय साक्ष्य को प्रमाणक कहते है।''
- प्रमाणक के द्वारा हम किए गए सौदे की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं| उदहारण के लिए सौदे की तारीख, दिन, समय, क्या ख़रीदा गया है, किसने ख़रीदा है, कैश या नेट बैंकिंग द्वारा भुगतान इत्यादि की जानकारी मिलती है|
- लेखांकन प्रमाणक के प्रकार हैं- रोकड़ प्रमाणक, नाम प्रमाणक, जमा प्रमाणक और सामान्य प्रमाणक|
- आज कल प्रमाणकों की प्रक्रिया computerised हो गयी है|
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