1.प्रश्न निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
उन्नीसवीं शताब्दी में यह राष्ट्रीय जागरण संपूर्ण भारत में किसी-न-किसी रूप में अभिव्यक्त हो रहा था, जिसमें भारतीयता के साथ आधुनिकता का संगम था। स्वामी विवेकानंद ने तो अमेरिका, इंग्लैंड आदि देशों से भारत लौटकर पूर्व और पश्चिम के श्रेष्ठ तत्वों के सम्मिलन से भारत को आधुनिक बनाने का स्वप्न देखा था। उन्होंने माना कि भारत और पश्चिम की मूल गति एवं उद्देश्य भिन्न हैं, परंतु भारत को जागना होगा, कुसंस्कारों एवं जाति-विद्वेष को त्यागना होगा, शिक्षित होकर देश की अशिक्षित, गरीब जनता को ही ‘दरिद्रनारायण’ मानकर उनकी सेवा करनी होगी, उनका उत्थान करना होगा। विवेकानंद का मत था कि भारत में जो जितना दरिद्र है, वह उतना ही साधु है। यहाँ गरीबी अपराध एवं पाप नहीं है तथा दरिद्रों की अपेक्षा धनियों को अधिक प्रकाश की जरूरत है। वे चाहते थे कि हम नीच, अज्ञानी, दरिद्र-सभी को भाई मानें और गर्व से कहें-हम सब भाई भारतवासी हैं। मनुष्य को मानव बनाना, आदमी को इंसान बनाना आवश्यक है। हमें ऐसी शिक्षा चाहिए जो हमें संस्कारी मानव, हमदर्द इंसान बना सके। विचारों में विवेकानंद गांधी से अधिक दूर नहीं थे और ऐसे ही विचारकों का चिंतन उन्नीसवीं सदी में भारत को उद्वेलित कर रहा था।
1. प्रश्न 1 उन्नीसवी सदी में संपूर्ण भारत में क्या हो रहा था?Immersive Reader
(1 Point)
बुराइयों का उन्मूलन
भारतीयता के साथ आधुनिकता का संगम
शिक्षा का प्रसार
इनमें से कुछ नहीं
2.प्रश्न 2 विवेकानंद जी क्या चाहते थे ?Immersive Reader
(1 Point)
विदेशी तर्ज पर भारत का विकास
मनुष्य को मानव बनाना
सबको धनी बनाना
इनमें से कुछ नहीं
3.प्रश्न 3 विवेकानंद जी समाज के किस वर्ग को लेकर चिंतित थे ?
(1 Point)
निर्धन वर्ग
अनपढ़ वर्ग
धनी वर्ग
इनमें से कोई नहीं
4.प्रश्न 4 “संपूर्ण’ में प्रयुक्त उपसर्ग है -
(1 Point)
सम्
सम
सं
कोई नहीं
5.प्रश्न 5 विवेकानंद जी के विचारों पर प्रभाव था ?Immersive Reader
(1 Point)
अमेरिकियों का
इंग्लैंड वालों का
सामंतों का
गांधी जी का
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