Art, asked by sunit89, 3 months ago

1. प्रत्येक सन्धि को परिभाषित करते हुए किन्हीं
पाँच उदाहरणों को व्याख्यायित करते हुए प्रस्तुत
करें।
वर्गीयप्रथमवर्णस्य तृतीयवर्णे परिवर्तनम्
प्रथमवर्णस्य पञ्चमवर्णे परिवर्तनम्
विसर्गस्य उत्वम्
विसर्गस्य स, श, ष्​

Answers

Answered by nish906
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Answer:

why do we have the conversion and no time in f and no longer the

Answered by geetu052
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Explanation:

सन्धि (सम् + धि) शब्द का अर्थ है 'मेल' या जोड़। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है। संस्कृत, हिन्दी एवं अन्य भाषाओं में परस्पर स्वरो या वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार को सन्धि कहते हैं। जैसे - सम् + तोष = संतोष ; देव + इंद्र = देवेंद्र ; भानु + उदय = भानूदय।

सन्धि के नियम केवल भारतीय भाषाओं में ही नहीं हैं बल्कि कोरियायी जैसी यूराल-आल्टिक परिवार की भाषाओं में भी हैं। जिस प्रकार नीला और लाल मिलकर बैगनी रंग बन जाता है उसी प्रकार सन्धि एक "प्राकृतिक" या सहज क्रिया है।

सन्धि के भेद

सन्धि तीन प्रकार की होती हैं -

स्वर सन्धि (या अच् सन्धि)

व्यञ्जन सन्धि { हल संधि }

विसर्ग सन्धि

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