1. पिताजी के स्थानांतरण के कारण आप नए शहर के नए स्कूल में गए हैं। अपने पहले दिन के अनुभवों को ध्यान
में रखते हुए डायरी लेखन कीजिए।
In hindi only
Answers
बचपन से जिस शहर में पले-बढ़े हों उसे छोड़ कर नई जगह पर जाना बेहद कठिन अनुभव होता है। जिन दोस्तों के साथ इतना वक्त बिताया, जहां मस्ती की, जिन गलियों में खेले उन्हें भूल पाना मुश्किल है। परंतु जीवन में कुछ भी तो शाश्वत नहीं। जीवन मे चलते रहना ही जिंदगी है।
पिताजी के ढोलकपुर में तबादले के बाद बड़ी मुश्किल से यहां के सबसे मशहूर स्कूल तारा सिंह मेमोरियल पब्लिक स्कूल में दाखिला हो पाया था। आज स्कूल में पहले दिन का अनुभव मिलाजुला सा रहा। स्कूल की इमारत, साफ सफाई, एक्सपर्ट स्टाफ देखकर खुशी हुई। परंतु यहां के छात्र थोड़े अजीब लगे।
कक्षा का माहौल इतना बोरियत भरा था कि ज्यादातर छात्र बोर्ड की बजाय खिड़की की तरफ देख रहे थे। कैंटीन में भी कमोबेश यही माहौल था, बासी समोसे, पानी जैसी चटनी के साथ फीकी चाय यूँ लगा मानो ढोलकपुर के लोगों को फीकेपन की ही आदत है।
मजा आया सबसे आखिरी लेक्चर में, जब इंग्लिश की क्लास लेने मंजुला मैडम आई। बेहद शालीन, सिल्क की साड़ी में , कोयल जैसी मीठी आवाज के साथ मैडम की पर्सनैलिटी गजब लगी। उनके सिखाए ग्रामर के रूल भी यूँ लगे मानो कानों में शहद घुल रहा हो। कुल मिला के इस नए शहर की अजब गजब बोरियत और फीकेपन में कुछ तो ऐसी मिठास मिली के लगा अब बाकी के कुछ साल इसी शहद के सहारे कट जाएंगे।