Hindi, asked by Manukrishnan3523, 10 months ago

1. पाठ मेरे संग की औरतें की लेखिका का नाम बताएं?
2.लेखिका की मां की विशेषताएं लिखिए?
3. लेखिका परदादी के किन गुणों से प्रभावित थी और क्यों?

Answers

Answered by lovelybhardwaj32
63

Answer:

1. पाठ मेरे संग की औरतें की लेखिका का नाम मृदुला गर्ग है।

2. लेखिका की मां सुंदर व्यक्तित्व की स्वामिनी थी। वे एक नाजुक-मिजाज औरत थीं। ईमानदारी, निष्पक्षता एवं सच्चाई सभी को प्रभावित करती थी। घर के सभी सदस्य उनकी सलाह का सम्मान करते थे। वे कभी भी किसी की गोपनीय बातों को दूसरे के सम्मुख प्रकट न करती थीं।

3. लेखिका की नानी स्वामिनी स्त्री थी और देशभक्तों के प्रति उनके दिल में आदर सम्मान था। उन पर भी अपनी देश की आजादी का जुनून सवार था। I इसी वजह से वे अपने जीवन में भी स्वतंत्र विचार रखती थीं। अपने ससुर और पति के विचारों से भिन्न विचारों के कारण वे अपने जीवन के अंतिम दिनों में अपनी पुत्री के विवाह को लेकर चिंतित थीं। उनके पति (लेखिका के नाना) कैंब्रिज से डिग्री लेकर आए थे इसलिए विलायती तौर-तरीकों को पसंद करते थे ,परंतु लेखिका की नानी को अपने पति के निजी जीवन से कोई लेना-देना नहीं था। नानी कभी अपनी पति के तौर-तरीकों से प्रभावित नहीं हुई थीं। इसके विपरीत वे अपनी परंपराओं का निर्वाह करने वाली तथा पर्दा करने वाली स्वतंत्र विचारों वाली स्त्री थी। यही सब बातें जान- सुनकर लेखिका अपने नानी के व्यक्तित्व से प्रभावित थीं।

Answered by palak1219
38

Explanation:

1) मेरे संग की औरतें की लेखिका का नाम मृदुला

गर्ग था

2) लेखिका की मां की विशेषताएं थी कि वे हमेशा सच बोलती थी इसीलिए घर के सभी लोग उनका सम्मान करते थे | दूसरी विशेषता थी कि वे कभी इधर की बात उधर नहीं करती थी इसीलिए घर के बाहर के लोग भी उनका पूरा सम्मान करते थे |लेखिका की मां खादी की साड़ी पहनने वाली आजीवन गांधी जी के सिद्धांतों का पालन करती थी| उनकी मां खूबसूरत थी ,नजाकत व ईमानदारी की संगम थी| वे निष्पक्षता का भाव रखती थी | वे परिजात- सी लगती थी |उनमें आजादी के प्रति जुनून और लगाव था |वह ईमानदार स्त्री थी उनकी मां नानी व गांधी जी की तरह सादा विचारों वाली थी| लेखिका की मां का अधिकतर समय पुस्तक पढ़ने में बीतता था |वह कभी-कभी साहित्य और संगीत भी सुनती थी |

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