Hindi, asked by ramparasswc, 7 months ago

1. "परहित सरित धर्म नहीं भाई।" इस विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए-✨✨✨

Congratulations!

Answers

Answered by rajakumar7734
1

Answer:

please brainlest answer. .......

Explanation:

परहित सरिस धर्म नहिं भाई 'का अर्थ है कि दूसरों की भलाई के समान दूसरा कोई धर्म नहीं है । जो व्यक्ति दूसरों को सुख पहुचाता है, दूसरो की भलाई कर के प्रसन्न होता है, उसके समान संसार में कोई भी व्यक्ति सुखी नहीं है । महर्षि दधीचि ने देवराज इंद्र को अपना अस्थि- पंजर दे दिया था, जिसका उपयोग करके इंद ने दानवों का बध किया था । महाराज शिवि ने अपने शरीर का मांस एक निरिह पक्षी की रक्षा के लिए अर्पित कर दिया था।इस तरह दूसरों की भलाई के लिए किए गए कार्य के द्वारा व्यक्ति को पुण्य के साथ - साथ यश भी प्राप्त होता है । परोपकार द्वारा विश्व में एकता तथा मानवता का विकास होता है । लोग जाति तथा धर्म से ऊपर उठकर एक - दूसरे के करीब आते हैं, जिससे भाईचारे तथा विश्व वंधुत्व की भावना का विकास होता है । इस तरह दूसरे को सुख देने जैसा नेक कार्य इस दुनिया में नहीं है तथा दूसरे को पीडा पहुचाने जैसा निषिद्ध कार्य भी इस दुनिया में दूसरा नहीं है ।

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