1) पति पूर्ण कीजिष्ट साधु के मुखमंडल का वर्णन इस प्रकार किया है
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साधु परमेष्ठी किसे कहते हैं ?
जो सम्यकदर्शन, सम्यकज्ञान एवं सम्यकचारित्र रूप रत्नत्रयमय मोक्षमार्ग की निरन्तर साधना करते हैं तथा समस्त आरम्भ एवं परिग्रह से रहित होते हैं। पूर्ण नग्न दिगम्बर मुद्रा के धारी होते हैं जो ज्ञान,ध्यान और तप में लीन रहते हैं, उन्हें साधु परमेष्ठी कहते हैं।
2. साधु परमेष्ठी के कितने मूलगुण होते हैं ?
साधु परमेष्ठी के 28 मूलगुण होते हैं - 5 महाव्रत, 5 समिति, 5 इन्द्रिय निरोध, 6 आवश्यक और 7 शेष गुण।
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