1.पत्र लेखन-सभी से प्रेम से बात करना व आत्मीयता की सीख देते हुए पिता द्वारा पुत्र को
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XYZ
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नोएडा ( उत्तर प्रदेश )
13 अगस्त 2017
प्रिय राहुल
बहुत-बहुत स्नेह !
आशा है तुम स्वस्थ और प्रसन्न होंगे। पिछले शनिवार को ही तुम्हारा पत्र मिला था। यह जानकार बहुत प्रसन्नता हुई की तुम्हारा मन छात्रावास में लग रहा है। कल तुम्हारे छात्रावास-अधीक्षक से बात हुई थी। पता चला की तुम इधर-उधर घूमने में बहुत रूचि लेते हो।
बेटे ! हमने तुम्हे छात्रावास में इस आशा और विश्वास के साथ भेजा है की तुम खूब ध्यान से पढोगे। जब से तुम्हारी माँ ने यह सुना है की तुम ठीक से पढ़ाई न करके मित्रों के साथ घुमते रहते हो, तब से वह बहुत अधिक चिंतित रहने लगी है। तुम अपनी माँ को जानते हो। वह बहुत अधिक चिंता करती है। तुम पढाई में मन लगाओ और माँ को पत्र लिखकर विशवास दिलाओ की तुम्हे पढ़ाई की पूरी चिंता है
तुम्हारा शुभचिंतक पिता
XYZ