Hindi, asked by gsubham526, 6 months ago

1 point
1. सूरदास ने अपरस रहत रहत सनेह
तगा लें, नाहिंन मन अनुरागी" किसके लिए
कहा है?
O (क) सूरदास
O (ख) कृष्ण
O (ग) गोपियों
O (घ) इनमें से कोई नहीं.​

Answers

Answered by drishtisingh156
3

Answer:

(ग) गोपियों।

Explanation:

छंदों में गोपियाँ ऊधव से अपनी व्यथा कह रही हैं। वे ऊधव पर कटाक्ष कर रही हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि ऊधव तो कृष्ण के निकट रहते हुए भी उनके प्रेम में नहीं बँधे हैं। गोपियाँ कहती हैं कि ऊधव बड़े ही भाग्यशाली हैं क्योंकि उन्हें कृष्ण से जरा भी मोह नहीं है। ऊधव के मन में किसी भी प्रकार का बंधन या अनुराग नहीं है बल्कि वे तो कृष्ण के प्रेम रस से जैसे अछूते हैं। वे उस कमल के पत्ते की तरह हैं जो जल के भीतर रहकर भी गीला नहीं होता है। जैसे तेल से चुपड़े हुए गागर पर पानी की एक भी बूँद नहीं ठहरती है, ऊधव पर कृष्ण के प्रेम का कोई असर नहीं हुआ है। ऊधव तो प्रेम की नदी के पास होकर भी उसमें डुबकी नहीं लगाते हैं और उनका मन पराग को देखकर भी मोहित नहीं होता है। गोपियाँ कहती हैं कि वे तो अबला और भोली हैं। वे तो कृष्ण के प्रेम में इस तरह से लिपट गईं हैं जैसे गुड़ में चींटियाँ लिपट जाती हैं।

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